Tamil Nadu तमिलनाडु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महान तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की संपूर्ण रचनाओं का एक संग्रह जारी किया और उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनके जैसा व्यक्तित्व सदियों में एक बार आता है। तमिल भाषा की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए पिछले दशक में किए गए प्रयासों पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में देश ने तमिल के गौरव को सम्मानित करने के लिए समर्पण के साथ काम किया है।" उन्होंने कहा कि भारती के विचार और बौद्धिक प्रतिभा आज भी लोगों को प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री ने यहां अपने 7, लोक कल्याण मार्ग आवास पर संग्रह का विमोचन किया। 23 खंडों के इस सेट को सीनी विश्वनाथन द्वारा संकलित और संपादित किया गया है और एलायंस पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।
इसमें अन्य के अलावा भारती के लेखन के संस्करणों, स्पष्टीकरण, दस्तावेजों, पृष्ठभूमि की जानकारी और दार्शनिक प्रस्तुति का विवरण शामिल है। मोदी ने 21 खंडों में 'काला वरिसैयिल भरथियार पडैप्पुगल' के संकलन के लिए छह दशकों के असाधारण, अभूतपूर्व और अथक कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीनी विश्वनाथन की कड़ी मेहनत एक ऐसी तपस्या है, जिसका लाभ आने वाली कई पीढ़ियों को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वनाथन की तपस्या उन्हें महा-महोपाध्याय पांडुरंग वामन काणे की याद दिलाती है,
जिन्होंने अपने जीवन के 35 साल धर्मशास्त्र का इतिहास लिखने में लगाए थे। उन्होंने विश्वास जताया कि सीनी विश्वनाथन का काम अकादमिक जगत में एक मानक बनेगा और उन्होंने इस महत्वपूर्ण काम के लिए उन्हें और उनके सहयोगियों को बधाई दी। मोदी ने कहा, "यह संस्करण शोधार्थियों और बुद्धिजीवियों के लिए भारती जी के विचारों की गहराई को समझने में बहुत मददगार साबित होगा और साथ ही यह उनके समय को भी समझने में मदद करेगा।"