Sikkim : कक्षा 5, 8 में अंतिम परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्रों को उसी कक्षा में रखा
NEW DELHI, (IANS) नई दिल्ली, (आईएएनएस): केंद्र सरकार ने स्कूलों में "नो-डिटेंशन पॉलिसी" को खत्म कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक गजट अधिसूचना जारी की है। इस फैसले के बाद अब 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में नियमित परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें फिर से परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। ये छात्र दो महीने के भीतर फिर से परीक्षा दे सकते हैं। अगर वे दोबारा परीक्षा में पास हो जाते हैं, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा। इसलिए, अब से स्कूलों को उन पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को फेल करने की अनुमति होगी जो साल के अंत में होने वाली परीक्षा में पास नहीं होते हैं। शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि किसी भी छात्र को तब तक स्कूल से नहीं निकाला जाएगा, जब तक वह अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता। शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अनिल कुमार सिंघल ने इस बदलाव के बारे में गजट
अधिसूचना जारी की। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन नए बदलावों के साथ, फेल होने वाले छात्रों को उनकी मौजूदा कक्षा में ही रोक दिया जाएगा। इससे पहले देश में नो डिटेंशन पॉलिसी लागू थी। इस नीति के तहत कक्षा 8 तक के छात्रों को रोका नहीं जा सकता था और अगर वे अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो भी उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था। छात्रों को उसी कक्षा में रोकने का कोई प्रावधान नहीं था। ये नियम बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हिस्सा थे। हालांकि, मंत्रालय ने अब महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियमों के तहत इन छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी और जो छात्र फेल हो जाएंगे, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने उन शर्तों को निर्दिष्ट किया है, जिनके तहत परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को उसी कक्षा में रोका जाएगा। दूसरा बदलाव यह है कि अब 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में नियमित परीक्षा आयोजित की जाएगी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि नियमित परीक्षाओं के बाद यदि कोई छात्र निर्धारित मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसे परिणाम घोषित होने के दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा के लिए अतिरिक्त अवसर दिया जाएगा। यदि छात्र दोबारा परीक्षा देने के बाद पदोन्नति के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसे उसी कक्षा (5वीं या 8वीं कक्षा) में रोक दिया जाएगा।
मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया कि जिस अवधि में किसी छात्र को रोका जाता है, उस दौरान कक्षा शिक्षक छात्र का मार्गदर्शन करेगा और यदि आवश्यक हो, तो छात्र के माता-पिता का भी मार्गदर्शन करेगा। छात्र की विफलता के विभिन्न चरणों की पहचान करने के बाद, विशेषज्ञ इनपुट प्रदान किए जाएंगे।इसके अलावा, स्कूल के प्रिंसिपल उन छात्रों की एक सूची तैयार करेंगे, जिन्हें विफलता के कारण रोक दिया गया है। इन छात्रों को विशेषज्ञ इनपुट प्राप्त होंगे, और उनकी प्रगति की बारीकी से निगरानी की जाएगी। छात्र के समग्र विकास के लिए, परीक्षाएं और पुन: परीक्षाएं योग्यता-आधारित होंगी।