सिक्किम में करीब दो हफ्तों से हो रही लगातार बारिश के कारण खासतौर से स्थानीय सब्जी विक्रेता व उपभोक्ता दोनों ही महंगाई की चपेट में आ गए हैं। सिक्किम हिमालयी राज्य होने से मानसून के समय लगभग प्रत्येक साल यातायात में समस्या उत्पन्न होती है। इस बार भी मानसून आते ही सड़क मार्ग अवरुद्ध होने से सब्जियों की कमी और महंगाई की मार आरंभ हुई है। गंगटोक के सब्जी व्यापारियों का कहना है कि मानसून के समय बस्तियों में सड़कें अवरुद्ध हो जाती हैं, सड़क अवरुद्ध होने से वाहन चालक किराया अधिक लेते है। इसके अलावा सिक्किम जैविक राज्य होने के कारण भी यहां उत्पादित सब्जियां महंगी हो जाती हैं। जब गांवों से सब्जियां महंगे दाम में आ रही हैं तो व्यापारी भी उसी हिसाब से बेचेंगे।
लाल बाजार में सब्जी खरीद के लिए आए उपभोक्ताओं का कहना है कि सब्जियां राज्य की जैविक हो या राज्य के बाहर से आई अजैविक, दोनों के ही दाम आसमान पर है। महंगाई पर लगाम लगाने के लिए संबंधित निकाय को पहल करना आवश्यक है। सब्जी उपभोक्ताओं का कहना है कि लाल बाजार में सब्जियों का दाम तय नहीं किया गया है। कोरोना महामारी के समय गंगटोक महानगरपालिका (जीएमसी) द्वारा सब्जियों की दर तय की गई थी। उसके बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
फिलहाल यहां सीजनल हरी सब्जियां 50 रुपये से कम में नहीं मिल रही है। जिसमें राय की साक, सीम रायो (पानी में मिलने वाली हरी साक), स्क्वैश (इस्कुस) की लताएं आदि शामिल है है। गंगटोक में सब्जियों की कीमत यहां देखें। गंगटोक के लाल बाजार में राज्य बाहर से आने वाली अजैविक सब्जियों की दर इस प्रकार है:- आलू 30, बंद गोभी 50, फूलगोभी 100, भिंडी 80, प्याज 30, बैगन 80, करेला 60 और बेंगलुरु का टमाटर 80 रुपये प्रति किलो की दर बिक्री हो रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि सिलीगुड़ी से आने वाली सब्जियां इतनी महंगी हो गई हैं कि यहां दिहाड़ी मजदूरों व विद्यार्थियों की थाली में सब्जी की कमी होने लगी है। इस पर संबंधित निकाय को नजर रखनी होगी।
स्थानीय एक नागरिक ने नाम न छापने की शर्त्त पर कहा कि पहले जैसे बाजार अधिकारी लाल बाजार के निरीक्षण में नहीं आते हैं, इसी कारण यहा महंगाई बढ़ गई है। इसके साथ ही आरोप है कि लोअर एमजी मार्ग तथा लाल बाजार के पार्षद भी यहा की महंगाई पर चुप बैठे हैं। इस आरोप पर लाल बाजार पार्षद अशोक प्रसाद को फोन पर संपर्क किया गया तो उनका फोन संपर्क से बाहर था।
सिलीगुड़ी व धुपगुड़ी से आतीं सब्जियां: राज्य में सब्जियों की महंगाई पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि राजधानी परिसर में सब्जी खेती करने वाले लोग बहुत कम हैं। राजधानी गंगटोक की प्रमुख सब्जी मंडी लाल बाजार है, जहा गंगटोक परिसर के बस्ती समेत पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और धुपगुड़ी से लाई सब्जियां बेची जाती हैं। सब्जी उपभोक्ताओं की मांग है कि राज्य सरकार का संबंधित विभाग ध्यान दें ताकि विक्रेता और उपभोक्ता दोनों महंगाई का शिकार होने से बचें। उल्लेखनीय है कि मानसून के समय सिलीगुड़ी और सिक्किम को जोड़ने वाली राजमार्ग समय-समय पर अवरुद्ध होता रहता है। इस समय राज्य में सब्जियों के दामों में वृद्धि होती है। मानसून पूर्व ही संबंधित निकाय अगर इस पर ध्यान देंगे तो स्थानीय लोगों की समस्याएं दूर होंगी।