विवादित वीडियो प्रसारित होने के बाद भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए

Update: 2023-08-01 18:32 GMT

दिल्ली : दिल्ली से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित नूंह जिला के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति गंभीर होते तो शायद शर्मसार होने वाली घटना नहीं घटित होती। नूंह में तैनाती को लेकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच यह धारणा बनी हुई है कि उन्हें मेवात की जिम्मेदारी देकर मुख्य लाइन से किनारे किया गया है। यही वजह है कि वह शुक्रवार को ही जिला छोड़ चल देते हैं। सोमवार को धार्मिक यात्रा के दौरान कुछ भी हो सकता है यह इनपुट सीआईडी की ओर से प्रशासन को दिए गए थे। इसके बाद भी प्रशासन के उच्च अधिकारी सोमवार को मुख्यालय में नहीं थे। उपायुक्त प्रशांत पवार कहीं बाहर थे। पुलिस अधीक्षक पहले से अवकाश पर चल रहे थे और चार्ज पलवल पुलिस अधीक्षक के पास था। दोपहर डेढ़ बजे जब धार्मिक यात्रा मंदिर से लौट रही थी तो उग्र भीड़ ने हमला कर दिया। लोगों को मारा गया और वाहनों में आग लगा दी गई।अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति गंभीर होते तो शायद शर्मसार होने वाली घटना नहीं घटित होती। नूंह में तैनाती को लेकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच यह धारणा बनी हुई है कि उन्हें मेवात की जिम्मेदारी देकर मुख्य लाइन से किनारे किया गया है। यही वजह है कि वह शुक्रवार को ही जिला छोड़ चल देते हैं। सोमवार को धार्मिक यात्रा के दौरान कुछ भी हो सकता है यह इनपुट सीआईडी की ओर से प्रशासन को दिए गए थे। इसके बाद भी प्रशासन के उच्च अधिकारी सोमवार को मुख्यालय में नहीं थे। उपायुक्त प्रशांत पवार कहीं बाहर थे। पुलिस अधीक्षक पहले से अवकाश पर चल रहे थे और चार्ज पलवल पुलिस अधीक्षक के पास था। दोपहर डेढ़ बजे जब धार्मिक यात्रा मंदिर से लौट रही थी तो उग्र भीड़ ने हमला कर दिया। लोगों को मारा गया और वाहनों में आग लगा दी गई।

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