युवा संसद— युवाओं को एक, श्रेष्ठ और अखंड भारत का संकल्प दिलाया, देवनानी
जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि आज का युवा भविष्य का नहीं बल्कि आज का नागरिक है। युवा भारतीय संस्कृति पर गर्व करें। युवा सपने देखें, अपना लक्ष्य तय करें और उसी के अनुरूप अपने जीवन को बनाने का प्रयास करें।
श्री देवनानी बुधवार को यहां हरमाड़ा स्थित मेहता ग्रुप ऑफ कॉलेज के प्रांगण में आयोजित युवा संसद को सम्बोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर युवा संसद का शुभारम्भ किया। श्री देवनानी ने कहा कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है। भारत विश्व गुरु है और रहेगा। विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में सभी को सक्रिय सहभागिता निभानी है।
युवा अपने जीवन का लक्ष्य तय करें और उसी दिशा में बढें -
श्री देवनानी ने कहा कि युवा जीवन में अपने लक्ष्य के प्रति जुनून रखें, जल्दी उठें, योग करें, निरोगी रहें, मन में ऊर्जा का संचार करें, घबराएं नहीं एवं निरन्तर अपने कार्य को करते हुए आगे बढते रहें। उन्होंने कहा विपरित परिस्थितियों को बदलने का सामर्थ्य युवाओं में होता है। युवा स्वामी विवेकानन्द के आदर्श को हमेशा याद रखें।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने में बने सहभागी -
युवा उठे, जागे और तब तक नहीं रूके जब तक उन्हें लक्ष्य की प्राप्ति ना हो। युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वावलम्बी बने और भ्रष्टाचार मुक्त भारत को बनाने में सहभागी बने।
राष्ट्र की संस्कृति पर गर्व की अनुभूति करें -
श्री देवनानी ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति महान है। राष्ट्र की महान संस्कृति पर युवाओं को गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ''विश्व में गूंजे हमारी भारती, जन-जन उतारे आरती, धन्य देश महान '' यह युवाओं द्वारा पूरे विश्व में गुंजायमान होना चाहिए।
संसद की प्रक्रिया को समझें और सार्थक चर्चा करें -
श्री देवनानी ने कहा कि युवा संसद में युवा कानून कैसे बनता है, उस सिस्टम को समझे। सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के क्या काम होते हैं उन्हें जानें। श्री देवनानी ने कहा कि सत्ता और प्रतिपक्ष दोनों में समन्वय होना चाहिए इसके लिए दोनों तरफ लोकतंत्र की समझ और सोच की आवश्यकता होती है। शिक्षा, सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण सहित विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करें। प्रत्येक युवा नई शिक्षा नीति का अध्ययन करें एवं अपने कार्यों को युगानुकूल और देशानुकूल बनाये।
बच्चों पर दबाव को लेकर चिन्ता जताई -
श्री देवनानी ने कहा कि बच्चों को उनकी रूचि के अनुकूल ही विषय दिलाये जाने चाहिए। उन्होंने अभिभावकों और अध्यापकों से अनुरोध किया कि वे बच्चों को उनकी रूचि की दिशा में आगे बढने में सहयोग करना चाहिए। बच्चें खेल, शिक्षा, संगीत, कला, चिकित्सा या अन्य जिस क्षेत्र में जाना चाहे उस दिशा में उनकों बढने देना चाहिए। श्री देवनानी ने कोटा में बच्चों द्वारा आत्म हत्या करने पर चिन्ता जताते हुए कहा कि बच्चों को अवसाद में न आने दे। बच्चों में सदैव उत्साह का संचार करें। उनकी रूचि को समझे और उन्हें आगे बढने दे।
विकसित भारत में सहभागी बनें -
श्री देवनानी ने कहा कि कल्पनाशील आकांक्षाओं को साकार करने और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए मेरा युवा भारत (माय भारत) प्लेटफार्म युवाओं के लिए सशक्त मंच है। युवा इस पोर्टल से जुडे और विकसित भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
समारोह में विधायक श्री गोपाल शर्मा ने कहा कि देश में युवाओं की संख्या 65 प्रतिशत है। लोकतंत्र का भावी स्वरूप युवा पीढी है। लोकतंत्र में युवा की विशेष भूमिका होती है। दुनिया के समक्ष राष्ट्र की ताकत युवा है। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्द सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखना है। लोकसभा और राज्यसभा की परिकल्पना वैदों के समय से है। उस समय ये दोनों सभा और समिति के नाम से जाने जाते थे।
समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री गुलाब बत्रा ने कहा कि देश में बदलाव लाने की शक्ति युवा पीढी में है। समारोह को पण्डित सुरेश मिश्रा, श्री राधेश्याम मेहता और श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने भी सम्बोधित किया।