भरतपुर न्यूज़: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को महाराजा सूरजमल के 259वें बलिदान दिवस पर भरतपुर में उनकी प्रतिमा के समक्ष श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। उन्होंने महारानी श्री जया महाविद्यालय मैदान में महाराजा सूरजमल की जीवनी पर आधारित सेंड आर्ट का भी अवलोकन किया।
इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत परियोजना को केंद्र से मंजूर नहीं करा पा रहे हैं। 13 जिलों के लोग यह याद रखेंगे। भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल एक महान योद्धा, रण-कौशल के धनी होने के साथ-साथ उत्तम कूटनीतिज्ञ भी थे। इसी कारण भरतपुर रियासत मुगल व अंग्रेजों से हमेशा एक कदम आगे रही तथा लोहागढ़ किला अजेय रहा। महापुरूषों की जीवनी से युवा पीढ़ी को अपने भविष्य में आगे बढ़ने की शिक्षा लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि महापुरूषों का कोई जाति या धर्म नहीं होता, उनके लिए 36 कौम और समस्त धर्म एक समान रहते हैं। उन्हीं से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार लगभग एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनकल्याणकारी योजनाएं देशभर में मॉडल के रूप में स्थापित हो रही हैं। इनमें मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राजकीय कार्मिकों के लिए मानवीय दृष्टिकोण से फिर लागू की गई पुरानी पेंशन स्कीम की पूरे देश में चर्चा हो रही है। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने भी महाराजा सूरजमल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, तकनीकी शिक्षा रा यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, पूर्व शिक्षा रा यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव सहित महाराजा सूरजमल संरक्षक समिति के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं आमजन उपस्थित रहे।