ट्रेचिंग ग्राउंड से बरसों पुराने कचरे का भी किया जा रहा निस्तारण

Update: 2023-01-09 14:23 GMT

कोटा: नगर निगम का मुख्य काम ही शहर को स्वच्छ बनाना है। इसके लिए नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण ने प्रयास भी तेज कर दिए हैं। शहर से कचरा ही नहीं कचरा पाइंट तक खत्म किए जा रहे हैं। साथ ही ट्रेचिंग ग्राउंड से बरसों पुराने कचरे का निस्तारण भी किया जा रहा है। कोटा में पहले जहां एक ही नगर निगम और 65 वार्ड थे। वहीं परिसीमन के बाद दो निगम कोटा उत्र व कोटा दक्षिण कर दिए गए। वार्डों को छोटा कर उनकी संख्या भी करीब ढाई गुना बढ़ाकर 150 कर दी गई। पूर्व के एक-एक वार्ड के दो से तीन वार्ड बना दिए गए। इसका मकसद वार्ड छोटे होने पर पार्षद व अधिकारी उनमें सफाई पर विशेष ध्यान रख सकेंगे। साथ ही दो निगम होने से महापौर भी सफाई की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से कर सकेंगे। नगर निगम के दोनों बोर्ड का गठन हुए भी दो साल से अधिक हो गया है। ऐसे में दोनों निगमों के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने भी शहर को स्वच्छ बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। नगर निगम कोटा उत्तर दक्षिण में पहले जहा हर जरा-जरा सी दूरी पर औरब मेन रोड पर ही कचरा पाइंट बने हुए थे। जिससे सफाई होने के बाद भी सड़क पर कचरा बिखरा रहता था। लेकिन दोनों निगमों ने उनमें से अधिकतर कचरा पॉइंटों को कचरा मुक्त कर दिया है।

कचरा पॉइंटों की बदली दशा: नगर निगम द्वारा जिन कचरा पॉइंटों को कचरे से मुक्त कराया जा रहा है। वहा की दशा ही बदली जा रही है। जिससे दोबारा से वहां कचरा नहीं डाला जा सके। नगर निगम कोटा उत्तर में जयपुर गोल्डन के कचरा पॉइंट को बंद कर वहां यूआईटी छतरियों का निर्माण कर रही है। जे.के. लोन का नया ओपीडी ब्लॉक बनने के बाद उसके मुख्य द्वार के पास के कचरा पॉइट को बंद कर दिया गया। विवेकानंद चौराहा स्ति अस्थायी कचरा ट्रांसफर स्टेशन को वहां से शिफ्ट कर दिया गया। रियासतकालीन पुलिया के पास के कचरा पॉइंट को बंद कर दिया गया। इस तरह से कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में दो साल में 39 कचरा पाौइंटों को बंद किया गया। वहीं कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में रामतलाई मैदानमें कचरा डिपो बना हुआ था। उसे समाप्त कर वहां इंटरलोकिग करवाई गई। विज्ञान नगर में आर्य समाज के पास और मोखापाड़ा मं पशु चिकित्सालय के पास के कचरा पाइंट समेत कई की दशा सुधारी गई।

5 लाख क्यूसेक मीटर कचरे का निस्तारण:

नांता स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड पर बरसों से डाले जा रहे कचरे के कारण वहां कचरे के पहाड़ खड़े हो गए। जिससे गर्मी और बरसात के समय वहा कचरे में आग लगने पर निकलने वाली जहरीली गैस स्थानीय लोगों के लिए खतरा बनी हुई है। उस कचरे के निस्तारण के प्रयास निगम ने शुरू कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार ट्रेचिंग ग्राउंड पर करीब 9 लाख क्यूसेक मीटर कचरा है। जिसमें से पहले चरण में 5 लाख क्यूसेक मीटर कचरे का निस्तारण किया जा रहा है। इसके लिए 16.10 करोड़ से संवेदक द्वारा एक साल में कचरा साफ किया जाएगा।

वार्डों में सफाई कर्मचारी लगाए, कचरा परिवहन कराया जा रहा: नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण के वार्डों में सफाई कर्मचारी लगाए गए है। कोटा उत्तर में जहां 70 वार्डों में 14 सौ स्थायी सफाई कर्मचारी हैं। साथ ही मेन रोड की भी सफाई करवाई जा रही है। घरों से कचरा संग्रहण के लिए हर वार्ड में 3-3 टिपर लगाए गए हैं। कचरा पॉइंट से ट्रेक्टर ट्रॉली से कचरे का परिवहन कराया जा रहा है। यहां 35 ट्रेक्टर ट्रॉलियां लगाई गई हैं। वहीं कोटा दक्षिण के 80 वार्डों में 1250 स्थायी और 450 सफाई कर्मचारी संविदा पर लगाए गए हैं। हर वार्ड में दो-दो टिपर घरों से कचरा संग्रहण कर रहे हैं। जबकि कचरा पॉइंटों से कचरा उठाने के लिए 50 ट्रेक्टर ट्रॉलियां लगाई गई हैं।

आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए: दोनों नगर निगमों में कचरे का हाईजनिक तरीके से परिवहन करने और वार्डों से आने वाला कचरा फिर से जमीन पर नहीं डलकर सीधे मशीनों में डालने के लिए दोनों निगमों में आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। कोटा दक्षिण में दोनों ट्रांसफर स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं। जबकि कोटा उत्तर में बनाने का काम शुरू हो गया है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में रैकिंग सुधार का प्रयास: केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय कीओर से हर साल करवाए जाने वाला स्वच्छता सर्वेक्षण इस बार फिर से होने वाला है। मार्च से पहले सर्वे टीम कोटा में आ सकती है। यहां की सफाई का आंकलन किया जाएगा। इसे देखते हुए भी नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण के अधिकारियों ने प्रयास शुरु कर दिए हैं। सफाई पर हर साल करोडों रुपए बजट खर्च किया जा रहा है। अगले महीने फिर से निगम का बजट पेश होना है। जिसमें सफाई का बजट बढ़ने की सभावना है। इसका मकसद शहर की सफाई क साथ ही रैकिंग में सुधार का भी है। पिछले साल कोटा दक्षिण की तुलना में कोटा उत्तर की रैकिंग काफी खराब रही थी।

इनका कहना है:

नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े बरसाती नालों को गहराई से साफ कराया गया है। जिससे कोटा में काफी बरसात होने के बाद भी कहीं पानी नहीं भरा। नाालों में कचरा नहीं डले इसके लिए नालों पर जालियां लगाने का काम किया जा रहा है। बड़े-बड़े कचरा पॉइंट खत्म किए गए। दूसरा ट्रांसफर स्टेशन भी चालू हो गया है। शहर को साफ रखने के साथ ही रैकिग में भी सुधार लाना है।

-राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण

दो साल में कोटा उत्तर निगम क्षेत्र से कई कचरा पॉइंट खत्म किए गए। ट्रेचिंग ग्राउंड से पुराने कचरे का निस्तारण पहली बार किया जा रहा है। दोनों आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन का काम शुरु हो गया है। पार्षदों के अलावा अधिकारी और मैं स्वयं भी वार्डों में सफाई की नियमित मॉनिटरिंग कर रही हूं। शहर को साफ रखने के साथ ही रैकिंग में भी सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए निगम के प्रयास के साथ ही जनता को भी सफाई के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।

-मंजू मेहरा, महापौर, नगर निगम कोटा उत्तर 

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