करौली। जिले के सपोटरा कस्बे में नाली खुदाई के दौरान शिव मंदिर गिरने से महिला की मौत के बाद लोगों में आक्रोश व्याप्त है। महिला की मौत से गुस्साए लोगों ने आज सपोटरा कस्बा पूरी तरह बंद कर रखा है। जिसके चलते बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है और सुबह से एक भी दुकान नहीं खुली है। इधर, मृतक महिला के घर के बाहर भाजपा जिलाध्यक्ष बृजलाल डिकोलिया के नेतृत्व में बुधवार को दूसरे दिन भी भाजपाइयों और सर्वसमाज का धरना जारी है।
विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाएं। साथ ही दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएं। संवेदक और मुनीम पप्पू मीणा पर मंदिर गिराकर महिला की हत्या करने का आरोप लगा है। इस मामले में मृत महिला के पति शिवकुमार ने पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। भाजपा जिलाध्यक्ष बृजलाल डिकोलिया ने कहा कि नाली निर्माण के दौरान भेदभाव बढ़ता जा रहा है। सोमवार को भी मंदिर से सटाकर नाली खोदने पर विरोध किया था, जिसके बाद विरोध के चलते नाली खुदाई का काम रोक दिया गया था। लेकिन, मंगलवार को फिर से नाली खुदाई का कार्य किया गया। इस दौरान जेसीबी की टक्कर से 41 फीट ऊंचा शिव मंदिर गिर गया। जिसके कारण कई महिलाएं मलबे में दब गई। जिनमें से एक महिला की मौत हो गई।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते हादसा हुआ और मृतक के परिवार को मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर मंगलवार शाम 4 बजे धरना दिया जा रहा है। जब तक मांगें नहीं मानी जाती तब तक धरना जारी रहेगा। गौरतलब है कि सपोटरा कस्बे में पीडब्ल्यू विभाग की ओर से नाली का निर्माण कराया जा रहा है। मंगलवार सुबह कस्बे के नरौली मोड़ पर नाली के लिए जेसीबी से खुदाई का काम चल रहा था। इस दौरान ठेकेदार की लापरवाही के कारण जेसीबी की टक्कर से 41 फीट ऊंचा शिव मंदिर भरभरा कर गिर गया। इस दौरान कई महिलाएं मंदिर में पूजा-अर्चना कर रही थी, जो मलबे में दब गई। मौके पर मौजूद लोगों ने महिलाओं को मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से दो महिलाओं को गंभीर हालत में जयपुर रैफर कर दिया।
इसी दौरान रास्ते में सीमा की मौत हो गई थी। हादसे की सूचना पर जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और एसपी नारायण टोगस मौके पर पहुंचे और अधिकारियों व लोगों से जानकारी ली। इसके बाद जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को तत्काल उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन, अभी तक विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांगों पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।