राजस्थान की इन आठ बेटियों ने खेत पर क्यों लगाई पिता की प्रतिमा,जानें वजह
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में चिड़ावा-सिंघाना रोड पर ढाणी हुक्मा के एक खेत में चौधरी हरफूल सिंह धायल की प्रतिमा लगी हुई है
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में चिड़ावा-सिंघाना रोड पर ढाणी हुक्मा के एक खेत में चौधरी हरफूल सिंह धायल की प्रतिमा लगी हुई है। इसी 16 मई को प्रतिमा का अनावरण किया गया है। खेत में चौधरी की यह प्रतिमा लगवाने की पीछे की वजह गर्व करने लायक है।
दरअसल, 8 अगस्त 1944 को जन्मे चौधरी हरफूल सिंह धायल ने भारतीय सेना में भी सेवाएं दी। 16 मई 2021 को इनका निधन हो गया। धायल की आठ बेटियों ने इनका दाह संस्कार करने के साथ ही प्रतिमा लगाने का फैसला लिया, जो प्रथम पुण्यतिथि पर पूरा कर दिखाया। राजस्थान की इन आठ बेटियों ने खेत पर क्यों लगाई पिता की प्रतिमा? वजह गर्व करने लायक
बातचीत में हरफूल सिंह धायल की बेटी संतोष ने बताया कि वे आठ बहनें हैं। दो बहनों का निधन हो चुका है। हरफूल सिंह के दस बेटियां हुई थीं। बेटा एक भी नहीं। इसके बावजूद पिता ने कभी भी सारी बेटियों को बेटों से कम नहीं माना।
संतोष कहती हैं कि पिता ने सभी बेटियों को बेटों की तरह पाला। लाड-प्यार किया। खूब पढ़ाया-लिखाया। यही वजह है कि आठ में से चार बहनें तो सरकारी नौकरी में हैं। उच्च शिक्षा हासिल करने के कारण चार बहनों को शादी आर्मी अफसरों से हुई।
1. शीला, गृहिणी
2. उर्मिला, गृहिणी
3. भतेरी, एएनएम, चिड़ावा
4. मुनेष, एएनएम, चिड़ावा
5. संतोष, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी
6. भाग्यश्री, कांस्टेबल दिल्ली पुलिस
7. सुनीता, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी
8. प्रेम, शिक्षिका
संतोष के चचेरे भाई विधाधर धायल ने बताया कि उनके ताऊ हरफूल सिंह ने बेटियों को खूब पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया है। पिछले साल उनकी मौत हो गई। आठों ने बहनों ने मिलकर डेढ़ लाख रुपए खर्च करके नीमकाथाना से पिता की प्रतिमा बनवाई और खेत में कमरा बनाकर लगा दी।