नदी में मछली का शिकार करते समय हाथ में ही फट गया बम, जानिए पूरा मामला विस्तार से
कुशलगढ़ उपखण्ड क्षेत्र से गुजरती मंगलेश्वर नदी में मछली पकड़ते समय एक युवक के हाथ में ही टोटा (बम) फट गया। दुर्घटना में उसके दोनों हाथ के चिथड़े उड़ गए। वह नदी के किनारे लहूलुहान हालत में मदद के लिए लोगों को पुकारता रहा।
जनता से रिस्ता वेबडेसक | कुशलगढ़ उपखण्ड क्षेत्र से गुजरती मंगलेश्वर नदी में मछली पकड़ते समय एक युवक के हाथ में ही टोटा (बम) फट गया। दुर्घटना में उसके दोनों हाथ के चिथड़े उड़ गए। वह नदी के किनारे लहूलुहान हालत में मदद के लिए लोगों को पुकारता रहा। स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों ने उसे नदी से निकाला और अस्पताल पहुंचाया। गंभीर हालत को देखते हुए उसे महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया गया। देर शाम तक कुशलगढ़ पुलिस के पास मामले को लेकर कोई सूचना नहीं थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बगरदा निवासी बदा (35) पुत्र नाथा मछार सोमवार दोपहर बाद मंगलेश्वर नदी में मछली पकड़ने गया था। मछलियों को मारने के लिए उसने पानी में टोटा फेंकने की कोशिश की। बारूद की बत्ती ने आग जल्दी पकड़ ली और टोटा हाथ में ही फट गया। बदा के दोनों हाथों के चिथड़े उड़ गए।
नदी का पानी हुआ लाल
मंगलेश्वर नदी की धार्मिक मान्यता भी है। इस नदी में धर्मप्रेमी लोग पिंडदान और सर्प दोष निवारण जैसी पूजा कराते हैं। धार्मिक मान्यता के बावजूद लोग यहां आए दिन मछली का शिकार करते हैं। अवैध कार्य की सूचना स्थानीय पुलिस के अलावा प्रशासन को भी है। कोई भी ऐसे लोगों को रोकने का जोखिम नहीं उठाता। हादसे के बाद घायल युवक के पानी वाले हिस्से में खून के चलते पानी लाल हो गया।
क्या होता है टोटा
स्थानीय भाषा में टोटा एक पटाखे की तरह काम करता है। इसमें बारूद तक आग पहुंचाने के लिए एक बत्ती होती है। तय समय में बत्ती भीतर स्थित बारूद तक आग पहुंचाती है। बारूद के आग पकड़ते ही धमाके के साथ ब्लास्ट होता है। इसका ब्लास्ट पानी में होता है। धमक से ढेरों मछलियां मर जाती हैं। मरने वाली मछलियों पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। इससे मछली के शिकार में आसानी होती है। टोटे का उपयोग प्रतिबंधित है।