जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर निर्वाचन विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। अब चुनावों में वाहनों की अधिग्रहण करने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। निर्वाचन विभाग की ओर से वाहनों की दरें तय की गई है। लेकिन इसके साथ ही विरोध भी शुरू हो गया है। बस मालिकों की ओर से निर्वाचन विभाग की दरों का विरोध किया गया है। बता दें कि निर्वाचन विभाग ने आगामी विधानसभा आम चुनाव-2023 और लोकसभा आम चुनाव-2024 के संबंध में वाहन अधिग्रहण की नई दरों की सूची जारी की गई है। नई दरों में पिछले विधानसभा और लोकसभा आम चुनावों के वाहन अधिग्रहण की दरों की तुलना में 20 प्रतिशत तक की बढोतरी की गई हैं। विधानसभा चुनाव के लिए परिवहन विभाग पुराने जिले जयपुर के हिसाब से 19 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 3 हजार से ज्यादा वाहनों का इंतजाम करेगा। इनमें 2238 बसें और 900 अन्य वाहन होंगे। निर्वाचन विभाग की ओर से वाहन अधिग्रहण की नई दरों की सूची के मुताबिक इस बार चुनाव ड्यूटी में वाहन देने वालों को अधिक किराया मिलेगा। पिछले विधानसभा चुनावों के वाहन अधिग्रहण की दरों की तुलना में इस बार 20 प्रतिशत तक की बढोतरी की गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि चुनावों के दौरान विभिन्न कार्यों के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा वाहन अधिग्रहण की प्रक्रिया की जाती है। किराए में इजाफा करने से पोलिंग पार्टियों के लिए कम किराये के कारण वाहन न मिलने की समस्या को दूर कर दिया है।