जयपुर: अटल भूजल योजना के तहत कवर होने वाले 17 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में राजकीय भवनों पर फिजिबिलिटी के आधार वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे ताकि वर्षा जल का संचयन एवं सरक्षण किया जा सके। साथ ही, भूजल संरक्षण एवं रिचार्ज की दिशा में नवाचारों को बढ़ावा दिया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई अटल भूजल योजना की समीक्षा बैठक में जल संरक्षण एवं भूजल रिचार्ज के लिए ये कदम उठाए जाने का निर्णय किया गया। वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण संरचनाएं अटल भूजल योजना के तहत आने वाले 17 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बिल्डंग्स पर बनाई जाएंगी।
डॉ. अग्रवाल ने सभी विभागों को अटल भूजल योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का उपयोग जल संरक्षण एवं भूजल के क्षेत्र में नवाचार के कार्यों पर करने को कहा। उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग को माइक्रो इरिगेशन गतिविधियों को अटल भूजल योजना क्षेत्र में अधिकतम स्तर पर लागू करने की सलाह दी। साथ ही, कृषि के क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया ताकि पानी की अधिकतम बचत हो सके।
समीक्षा बैठक में जल संरक्षण एवं भूजल रिचार्ज गतिविधियों एवं अधिक से अधिक नवाचारों को लागू करने पर चर्चा की गई। साथ ही, योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का अधिक से अधिक उपयोग इनोवेटिव आइडियाज के क्रियान्वयन पर करने पर बल दिया गया। बैठक में योजना के सहभागी विभाग यथा- कृषि एवं उद्यानिकी, जल संसाधन, पंचायती राज, वन, जलग्रहण एवं भूसंरक्षण तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।