नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के बीच जुबानी जंग जारी
जयपुर: बीते कुछ दिनों से नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के बीच जुबानी जंग जारी है। हालात एक-दूसरे के परिवारों पर छींटाकशी से लेकर तू-तड़ाक तक पहुंच गए हैं। डोटासरा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया के समक्ष राठौड़ को चुनौती तक दे डाली।
डोटासरा ने कहा कि राठौड़ सीनियर नेता होकर मुझ पर ओछी और व्यक्तिगत बातें करते हैं। कभी कोई बिल्डिंग तो कभी कोई यूनिवर्सिटी मेरी बताते हैं। वे नेता प्रतिपक्ष हैं तो जांच करा लें। अमित शाह उनके मित्र हैं और ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स उनके पास हैं। मैंने अगर कोई गड़बड़ी की है तो एफिडेविट देकर अपनी पंसद के जांच अधिकारी से जांच करा लें। मैं खुद आगे बढ़कर जांच की सिफारिश करूंगा, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। मैं भी इनके कार्यकाल की जांच करने के लिए एफिडेविट दूंगा। राठौड़ ने 2013 में भी मेरे खिलाफ जमकर प्रचार किया था। वे चाहें तो मेरे सामने चुनाव लड़कर अपनी ईच्छा पूरी कर सकते हैं। राजेन्द्र राठौड़ और सीपी जोशी पुलिस वालों से कहते हैं कि थोड़ा बहुत पानी चला दो, ताकि हमारा आंदोलन सफल हो जाए। अपने पुत्र को लेकर मोदी से मिलते हैं, लेकिन ईआरसीपी पर मोदी से बात नहीं करते।
पायलट मामले में करा दिया आलाकमान को अवगत: पायलट मुद्दे पर केन्द्रीय नेतृत्व के संज्ञान में सारी बाते हैं। इससे ज्यादा कुछ कह नहीं कह सकता। चुनावी साल में टिकट के लिए एआईसीसी सर्वे करा रही है। सर्वे में जनता का चेहरा दिखने वाले को टिकट दिया जाएगा। फीडबैक कार्यक्रम को लेकर कहा कि तीन दिनों तक हमने विधायकों से बात की और एक दिन सभी नेताओं से बात की। सरकार और गहलोत की लोकप्रियता सामने आई है। पिछले चार बजट धरातल पर उतर चुके। मौजूदा बजट धरातल पर उतारने के लिए कांग्रेस संगठन भी महंगाई राहत कैम्प से जुड़कर लोगों की सेवा करने उतरेगा। संगठन का विस्तार भी जल्दी होगा। पाठ्यक्रम बदलाव पर कहा कि एनसीईआरटी में संघ की विचारधारा थोपी जा रही है। हम राजस्थान में पाठ्यक्रम के इतिहास को आरएसएस के अनुसार नहीं होने देंगे। महेश जोशी और रफीक खान मामले में कहा कि जांच में दोषी साबित हुए तो पार्टी कार्रवाई करेगी।