अजमेर। अजमेर बुधवार सुबह 10.30 बजे तोपदड़ा स्थित माथुर के भट्टे के सामने निर्माणाधीन कॉम्पलेक्स में खोदे जा रहे अवैध बेसमेंट की खुदाई के दौरान दीवार ढह गई। दीवार ढहने से मौके पर काम कर रहे श्रमिक मध्यप्रदेश पन्ना सुनवानी कलां झिरांटा निवासी संगीता व उसका भाई जाहर बर्मन दीवार के मलबे में दब गए। दीवार ढहने की आवाज सुनकर आसपास के लोग जुट गए। काम कर रहे साथी श्रमिक रूपलाल, नत्थू व अन्य ने मलबा हटाया। सूचना पर पार्षद रणजीत सिंह व 112 हेल्पलाइन दल घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस मदद से श्रमिकों ने तत्काल मलबा हटाकर संगीता व जाहर को निकाला। दोनों को 108 एम्बुलेंस से जेएलएन अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने छुट्टी दे दी। क्लॉक टावर थाने से एएसआई राजेश सिंह, भरत कुमार व हैडकांस्टेबल भागचन्द चोयल जाप्ते के साथ पहुंचे। पुलिस ने दोनों श्रमिकों के बयान दर्ज किए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दीवार के मलबे से जाहर ने बचने की कोशिश की मगर मलबा उसके ऊपर गिर गया। गनीमत रही कि उसके पैर और धड़ तक मलबा गिरा जबकि सिर और चेहरा मलबे से बाहर रह गया। इसी तरह संगीता के भी पैर मलबे में दबे। वार्ड 57 के पार्षद रणजीत सिंह ने बताया कि चूना भट्टा चौराहा के सामने बन रही इमारत का अवैध तरीके से बेसमेंट खोदा जा रहा था। मामले में नगर निगम को शिकायत कर रखी थी लेकिन इसके बावजूद निगम ने संरक्षित (कस्टोडियन) भूमि पर नक्शे पास कर दिए।पार्षद रणजीत सिंह ने बताया कि डेढ़ माह पहले पाल बीचला में भी हादसा पेश आ चुका है। तब भी नगर निगम को पूर्व सूचना व शिकायत दी गई लेकिन उसके बावजूद काम पूरा हो गया। माथुर के भट्टे के सामने चल रहे निर्माण की शिकायत दी लेकिन संबंधित प्रभारी अधिकारी और निगम प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही काम रुकवाया।