झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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Update: 2023-08-12 12:02 GMT
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ आज सुबह प्रतापगढ़ मिनी सचिवालय में ग्रामीणों ने डायन-बिसाही के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग आदिवासी समाज का आर्थिक व सामाजिक शोषण कर रहे हैं। बासवाड़ा-डूंगरपुर, प्रतापगढ़ तथा मध्य प्रदेश-गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में विशेष रूप से उल्लिखित क्षेत्रों में सामाजिक जागृति का कार्य मामा बालेश्वर दयाल ने किया। आज भी आदिवासी समुदाय मामाबलेश्वर दयाल को अपना आराध्य देव मानते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन यह समय की विडम्बना है कि वर्तमान समय में प्रतापगढ़ के ग्रामीण इलाकों में कुछ लोग मामा के नाम पर झाड़-फूंक और शराब व मांस के नाम पर अंधविश्वास व अन्धविश्वास फैलाकर खुलेआम मजाक उड़ा रहे हैं। ये लोग गरीब आदिवासियों को झाड़-फूंक और भोपाई के नाम पर डरा-धमका कर उनका शोषण कर रहे हैं।
इस प्रकार के लोग स्वयं को मामाजी का अनुयायी एवं गुरु बताकर मामाजी के अनुयायियों एवं ग्रामीण क्षेत्र की भोली-भाली जनता को गुमराह कर रहे हैं। साथ ही आर्थिक और सामाजिक शोषण भी कर रहे हैं और इन लोगों ने गुरु बनकर अपनी दुकानें खोल ली हैं, जबकि मामा का भक्त और अनुयायी यह व्यक्ति है जिसने शराब, मांस, मदिरा और गलत चीजों को पूरी तरह से त्याग दिया है। ममबलेश्वर दयाल ने क्षेत्र में महिलाओं के उत्थान और आदिवासियों के बीच शिक्षा और रोजगार के लिए नए आयाम स्थापित किए। उन्होंने आदिवासी युवाओं को नशे से दूर रखते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़ा, जिसके कारण आज युवा पीढ़ी शिक्षा प्राप्त कर रोजगार के विभिन्न आयाम हासिल कर चुकी है। समाज में फैलने वाली छोटी-मोटी बीमारियाँ जो मौसम या खान-पान बदलने पर भी डॉक्टरी जांच की इजाजत नहीं देती, जैसे पेट दर्द, बुखार, सर्दी आदि। झाड़-फूंक के नाम पर महिलाओं और लड़कियों का जबरदस्ती और शारीरिक व मानसिक शोषण करते हैं। और झाड़-फूंक करते हैं और उन्हें दर्द देकर प्रताड़ित करते हैं। आज बड़ी संख्या में मामा बालेश्वर दयाल के भक्त लघु सचिवालय पहुंचे और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इन सब पर रोक लगाने की मांग करते हुए कार्रवाई की मांग की।
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