नदी में बजरी खनन कर्मचारियों पर ग्रामीणों ने बोला हमला

Update: 2023-02-17 07:12 GMT
भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में बुधवार की देर शाम बनास नदी में बजरी खनन कर रहे लीज धारक कर्मचारियों व ग्रामीणों के बीच झड़प हो गयी. आक्रोशित ग्रामीणों ने पट्टाधारियों के वाहनों पर पथराव कर दिया। नदी में खड़ी एक पोकलेन मशीन में आग लग गई। घटना ग्राम पंचायत बिहड़ा के जीरा गांव की है। मामले की सूचना पर पंडेर पुलिस मौके पर पहुंची और पोकलेन मशीन में लगी आग पर काबू पाया. सरपंच चंद्रकांत गुर्जर भी मौके पर पहुंच गए। पंडेर थाने के एएसआई रामप्रसाद मीणा ने बताया कि सूचना पर पुलिस जाप्ता बनास नदी पहुंची थी। वहीं पट्टा कर्मचारियों ने बताया कि बुधवार को वे नदी के पट्टा क्षेत्र में बजरी खनन कर रहे थे. तभी तीन-चार लड़के आए और बोले कि हर डंपर पर 1000 रुपये देने होंगे, नहीं तो नदी में वाहनों को आग लगा देंगे और खनन नहीं होने देंगे।
शाम को 100-150 लोग आए और वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया और नदी में खड़ी एलएनटी मशीन में आग लगा दी। देर रात तक हंगामा चलता रहा। घटना के संबंध में बस्ता सावर निवासी कैलाश पुत्र भैरू कुमावत ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। अजय मीणा, राकेश मीणा, भागचंद मीणा, कालू गुर्जर, शैतान मीणा, दिलखुश रेगर, मोहनलाल भील, मुकेश मीणा, संपत मीणा सहित 30 से 40 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ग्रामीणों के हमले व पथराव में लीज धारक कंपनी के सात कर्मचारी घायल हो गए। जिसमें अनिल कुमार, इंद्रप्रताप, विश्वेंद्र तोमर, सुनील वैष्णव, अजय कुमार, प्रद्युम्न सिंह, विशाल गुर्जर, रविंद्र कुमार शामिल हैं। इंद्रप्रताप और रविंद्र कुमार को गंभीर चोटें आई हैं। इसके चलते उन्हें दूसरे सेंटर रेफर कर दिया गया है। मामले में सरपंच चंद्रकांत गुर्जर ने बताया कि कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था. बनास नदी का सीमांकन कराने की मांग की जा रही थी। लेकिन लीज धारक ने बिना सीमांकन के ही बजरी खनन शुरू कर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि जीरा में बनास नदी का क्षेत्र बीसलपुर जलग्रहण क्षेत्र में आता है. इसलिए यहां खनन नहीं होना चाहिए।
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