अलवर की मशीनों से बन रहा वंदे भारत कोच का फर्श

Update: 2023-04-29 15:15 GMT

अलवर न्यूज: देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत के कोच का फर्श अलवर की मशीनों से तैयार किया जा रहा है. चेन्नई में फर्श काटने और सीधा करने के लिए इन्हीं मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले साल अलवर के भिवाड़ी स्थित पार्वती मेटल कंपनी से वंदे भारत के लिए दो प्लेट स्ट्रेटनिंग मशीन चेन्नई रेलवे को भेजी गई थी। रेलवे वहां अपना सेट अप करवा रहा है और अलग-अलग कंपनियों से ट्रेनें तैयार करवा रहा है।

पार्वती मेटल के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वह हर साल रेलवे को 10 से 12 करोड़ रुपए का माल भेजते हैं। रेलवे में इस्तेमाल होने वाली मशीनों का निर्माण कंपनी करती है। वंदे भारत के लिए रेलवे को भेजी गई एक फ्लोर कटिंग मशीन की कीमत करीब आठ करोड़ रुपए थी। कोच के डिब्बे का फर्श बनाते समय इसे काटा जाता है। चेन्नई के साथ ही 10 अन्य मशीनें भी हाल ही में रेलवे को दी गई हैं। जिसमें वह पंजाब के कपूरथला, ओडिशा के भुवनेश्वर और अजमेर गई हैं।

चिनाब नदी का पुल भी हमारी मशीन ने बनाया था

अलवर की इन मशीनों से वंदे भारत के अलावा चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा पुल भी बन रहा है. यह रेलवे ब्रिज 1.3 किमी लंबा है। इसकी ऊंचाई 315 मीटर है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा ओवरब्रिज है। इसके लिए बनी मशीनों में मेटल का ज्यादा इस्तेमाल होता था। इस ओवरब्रिज से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें गुजर सकती हैं। यहां तक कि भूकंप और विस्फोटों का भी इस पर कोई असर नहीं होता है।

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