बूंदी। बूंदी चैत्र मास में देशी बबूल के पेड़ फलियों से लदे रहते हैं। बूंदी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इनकी कटाई कर रहे हैं। इसकी फलियां सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। कई रोग जड़ से ही खत्म हो जाते हैं। बबूल के पेड़ की फली, छाल और पत्ते बहुत उपयोगी होते हैं। राजमा को सुखाकर चूर्ण बनाकर शहद के साथ सेवन करने से घुटने, जोड़ों का दर्द और पेट के रोग दूर होते हैं। इसके पत्तों का रस पेचिश में तथा इसके फूलों का चूर्ण पीलिया रोग में लाभकारी होता है।
आयुर्वेद चिकित्सक राजमल मालव कहते हैं कि इसके चूर्ण को मिश्री के साथ लेने से धातु की कमजोरी, मासिक धर्म, प्रदर और कमर दर्द में बहुत लाभ होता है। इसके पत्तों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से छाले की समस्या दूर हो जाती है। इसकी छाल को चबाने से दांत मजबूत होते हैं। इसकी फलियों से सब्जी बनाई जाती है। अचार भी स्वादिष्ट होता है. इसकी गोंद कमजोरी में आराम दिलाती है। ग्रामीण खुद पेड़ों से तोड़ते हैं। कुछ लोग इसका चूर्ण बनाकर बाजार में भी बेचते हैं।