अजमेर। अजमेर में फर्जी पुलिस बनकर एक साथ चार थाना क्षेत्रों से आभूषण लूटने वाले ईरानी गिरोह के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गैंग लीडर ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर करीब 3 राज्यों में वारदातों को अंजाम दिया था. अजमेर में एक घंटे के अंदर 4 बार कपड़े बदलकर वारदात को अंजाम दिया गया. बाद में सभी आरोपी कोटा भाग गये. पुलिस गिरफ्तार आरोपी, उसके अन्य साथियों से पूछताछ और माल की बरामदगी में जुटी है. सीओ भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि 20 सितंबर 2023 को फॉयसागर निवासी हरीश वाधवानी ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था. शिकायत में पीड़ित ने बताया कि सुबह जब वह घर से स्कूटर पर अपनी दुकान जा रहा था तो जीपीओ के बाहर दो युवकों ने उसे रोका और खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उसकी चेन और अंगूठी उतारकर रख ली। एक लिफाफे में रखा और उसे धोखा दिया। उसने दूसरा लिफाफा दिया और आभूषण लेकर भाग गया। पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर टीम गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिये गये.
सीओ भाटी ने बताया कि टीम ने अभय कमांड सेंटर, अजमेर, जयपुर और किशनगढ़ के सीसीटीवी फुटेज देखे। होटल और दबो में लगे कैमरों की भी जांच की गई। 500 से ज्यादा सीसीटीवी चेक किए गए. इस दौरान जब आरोपी वारदात की फिराक में अजमेर लौटा तो इसकी जानकारी पुलिस को मिल गई. टीम ने शनिवार को कार्रवाई कर गांधी भवन के पास किशोरपुरा कोटा शहर निवासी हसन अली (27) पुत्र यासीन अली उर्फ सिया उर्फ कुर्बान अली को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी हसन अली ईरानी गैंग का सरगना है. वर्ष 2019 में बूंदी जिले में इसी तरह की वारदात में उसे जेल हुई थी। वर्ष 2020 में जमानत पर रिहा होने के बाद उसने फिर से अपराध करना शुरू कर दिया। टीम में प्रशिक्षु आरपीएस कार्तिकेय, थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह, साइबर थाने के एएसआई भगवान सिंह, कोतवाली थाने के रणवीर सिंह व कांस्टेबल मोतीराम का विशेष योगदान रहा.
पुलिस पूछताछ में पता चला कि ईरानी गैंग का सरगना और उसके साथी मोटरसाइकिल पर अजमेर आए थे. अजमेर के व्यस्ततम इलाकों में सोने के आभूषण पहनने वाले बुजुर्गों और महिलाओं की पहचान की गई. जिन्हें वे नकली पुलिसकर्मी बनकर रोकते थे। बाद में, उन्हें बताया जाता है कि एक गंभीर घटना होने वाली है और उन्हें अपने आभूषण एक लिफाफे में पैक करके अपनी जेब में रखने के लिए कहा जाता है। पीड़ित उनके कहे अनुसार अपने आभूषण खोलते हैं। वे उसे अपने पास रखे एक लिफाफे में रखवाते हैं और फिर शिकार का ध्यान भटकाकर लिफाफा बदल देते हैं। नकली आभूषण वाला दूसरा लिफाफा देने के बाद वे तुरंत चुपचाप निकल जाते हैं। सीओ भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि आरोपी सरगना ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में वारदात को अंजाम दिया है. 1 सितंबर 2023 को कोटा शहर में तीन वारदातें की गईं और 21 सितंबर 2023 को कोटा शहर में दो वारदातें की गईं। पूरे भारत में गिरोह ऐसी वारदातें करते पाए गए हैं। पुलिस गिरफ्तार आरोपी से उसके अन्य साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है. जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं.
सीओ भाटी ने बताया कि आरोपी सरगना ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अजमेर में पहले अलवर गेट थाना इलाके में एक बुजुर्ग महिला को, फिर रामगंज में एक बुजुर्ग दम्पति को और कोतवाली थाना इलाके में एक बुजुर्ग को और आखिर में क्रिश्चियन गंज थाने में एक छात्र को अपना शिकार बनाया. थाना क्षेत्र में अपराध की शिकार एक महिला। बनाया था। दोनों आरोपियों ने एक के बाद एक वारदात को अंजाम देने से पहले कई बार अपनी शर्ट बदली थी. ताकि यह पुलिस को गुमराह कर सके. अजमेर में करीब एक घंटे में चार वारदातें की गईं।