जयपुर। पीआरएन दक्षिण द्वितीय जोन में प्रशासन शहरों के संग अभियान में लगाए जा रहे कैम्प को लेकर काश्तकारों ने हंगामा कर दिया, जिस जमीन पर कॉलोनी बसी है उसका मामला कोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देकर निरस्त करवाने की मांगी की।
इस दौरान विरोध कर रहे काश्तकार ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्महत्या की कोशिश की। काश्तकार शंकर शर्मा ने मानसरोवर स्थित जोन ऑफिस में पहुंचकर अधिकारियों पर मिलीभगत करके पट्टे जारी करने के आरोप लगाया। हंगामे के बाद युवक को शिप्रा पथ थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, पृथ्वीराज नगर के गोल्यावास में बसी बाहुबली नगर विस्तार योजना के लिए गुरुवार को जेडीए कैंप प्रस्तावित था। कैंप निरस्त करवाने के लिए काश्तकार शंकर लाल अपने परिवार के साथ दफ्तर पहुंचा और जमकर हंगामा किया। आरोप है कि इस कॉलोनी के लिए उसके परिजन पुराराम ने कभी भी जमीन का बेचान शंकर भवन गृह निर्माण सहकारी समिति को नहीं किया, न ही बाहुबली नगर विस्तार विकास समिति के पक्ष में किसी तरह का कोई एग्रीमेंट हुआ।
इस नियमन कैंप को लगाने के खिलाफ काश्तकार जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट भी गया था, जहां से 27 सितम्बर को ही मामला खारिज हुआ। भूखंडधारी पंकज शर्मा ने बताया कि साल 1981 में शंकर भवन गृह निर्माण सहकारी समिति से पट्टे लिए थे। उसके बाद यहां काश्तकारों ने विवाद शुरू कर दिया। निचली कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक मामला चला और अब काश्तकार बेवजह नियमन का विरोध रहे है।