केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने पूछा, मुख्यमंत्री बताएं निलंबित डिप्टी को कौन बता रहा अच्छा

Update: 2023-06-14 11:58 GMT

उदयपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा है कि रिश्वत मामले के आरोपी डिप्टी जितेंद्र आंचलिया को कौन अच्छा बता रहा है, उनके नाम बताएं।

दो दिवसीय उदयपुर दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री से मिले पीड़ितों ने डिप्टी जितेंद्र आंचलिया के खिलाफ मुख्यमंत्री गहलोत से शिकायत करते हुए उसके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करने का आग्रह किया था। साथ ही उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का निवेदन किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि डिप्टी जितेंद्र आंचलिया के बहाली को लेकर सिफारिशें आ रही हैं और बताया जा रहा है कि वह तो अच्छे आदमी हैं। उनके काम भी प्रशंसा की गई है। मुख्यमंत्री और पीड़ित पक्ष के बीच बातचीत का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री को बताया कि रिश्वत मामले का आरोपी डिप्टी किसी अपराधी से कम नहीं। उसके खिलाफ राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। उसके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी करनी चाहिए। उसके जमानत पर रिहा होने से पीड़ित परिवार ने खुद को असुरक्षित बताते हुए सुरक्षा मुहैया कराने का निवेदन किया। हालांकि इस संबंध में 24 घंटे बीतने के बावजूद पीड़ित परिवार को कोई राहत नहीं मिल पाई।

बुधवार को केन्द्र सरकार में जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री से पूछा कि वह यह बताएं कि घूसखोर के आरोपी डिप्टी जितेंद्र आंचलिया को कौन बचाना चाह रहा है। वे कौन लोग हैं, जो उसे अच्छा आदमी बता रहे हैं। उन्होंने कहा जिस व्यक्ति को 3 महीने तक जमानत नहीं मिली और जेल जाना पड़ा, उस व्यक्ति को सरकार किस लिए बचाना चाह रही है।

एनआरआई से 1.83 करोड़ हड़पने का आरोपी है डिप्टी

एसीबी की जांच में खुलासा हुआ था कि निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया भारतीय अप्रवासी-एनआरआई की भूमि का जबरन सौदा कर 1.83 करोड़ रुपए हड़प लिए। बताया गया कि एनआरआई पिछले 30 साल से कुवैत में रहकर कारोबार कर रहा था। उसकी एक कंपनी उदयपुर में है, जिसे उसका छोटा भाई संभालता था, लेकिन बीमारी से भाई की मौत के बाद कंपनी को छोटे भाई की पत्नी ने संभाल लिया था। भुवाणा में उसकी कंपनी की जमीन का सौदा पांच करोड़ में बेचने की बात कहकर उन्हें यहां बुला लिया था। यहां आकर पता चला कि उसे उदयपुर में षड़यंत्रपूर्वक बुलाया और कुछ पुलिसकर्मी तथा दलाल परेशान करने लगे। सुखेर थाने में बुलाकर उसे एक एग्रीमेंट दिखाकर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी। पासपोर्ट जब्त करने तथा परिवार से नहीं मिलने देने की धमकी देकर उसे दबाव में लिया और उसकी जमीन का सौदा दो करोड़ रुपए में कराने के साथ 1.83 करोड़ रुपए हड़प लिए।

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