हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ प्रदेश इन दिनों विधुत सकंट से जूझ रहा है। वातावरण में बढ़ते तापक्रम के कारण विद्युत आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा जाने से विद्युत सप्लाई की मार ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक की जा रही है। दिन एवं रात कटौती में गुजर जाने से उपभोक्ताओं का गुस्सा सरकार पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। बुधवार को तो बिजली सप्लाई की अघोषित कटौती सुबह नौ बजे से दो घंटे एवं दोपहर लगभग दो बजे बाद से फिर हुई कटौती की कोई सीमा नहीं होने से उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी में ना दिन में चैन तो ना ही रात को नींद आती है। दो-दो, तीन-तीन घंटे तथा समय, असमय अघोषित कटौती अखरने वाली है।
मानसून रुठा होने के कारण इलाका पिछले कुछ दिनों से बढ़ती उमस भरी गर्मी से जूझ रहा है। इसी के साथ उपभोक्ताओं में बिजली की मांग भी बढ़ गई है। जिसे निगम पूरा करने में असमर्थ साबित हो रहा है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन का सकंट पैदा होने पर विद्युत की अघोषित कटौती ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है। हालात ये बन गए हैं कि विद्युत कटौती की कोई समय सीमा नहीं है। लघु उद्योग धंधे एवं भीषण गर्मी से किसानों को फसलों को बचाना भी भारी पड़ रहा है, सिंचाई के लिए कुओं को मिलने वाली बिजली भी गायब हो गई है। किसान राजू सहारण, तिलोक धानका सहित आम उपभोक्ता एवं किसान सरकारी तंत्र को कोसने के लिए मजबूर है।