गर्मी की दस्तक से परेशान जंगली जानवरो ने पानी की तलाश में किया तालाबों में कब्ज़ा
अलवर |गर्मी की दस्तक के साथ ही बाघों ने सरिस्का के तालाबों पर कब्जा जमा लिया है। इसके चलते दूसरे वन्यजीवों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है और लंबी दूरी नापनी पड़ रही है। आने वाले दिनों में यह परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। सरिस्का में कृत्रिम तालाब करीब 90 हैं। एक टाइगर की टेरेटरी 10 से 40 वर्ग किमी में है। ऐसे में चार से पांच तालाब एक टेरेटरी में आते हैं। कई बार पानी नहीं मिलने की वजह से अपनी टेरेटरी छोड़कर चले जाते हैं। सरिस्का टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ गाइड रामवतार मीणा ने बताया कि जैसे ही तापमान 35 डिग्री पार जाता है तो टाइगर की चाल धीमी हो जाती है और वह ज्यादा चल भी नहीं पाता है। तापमान को मैंटेन करने के लिए वह तालाब में रहना पसंद करता है। चार से पांच घंटा उसमें बिताता है। कई बार इससे ज्यादा भी समय पानी में रहता है। शिकार के दौरान एनर्जी ज्यादा लगती है और उसे खाने के बाद टाइगर का तापमान और बढ़ता है। ये पानी के जरिए ही कम होता है। अभी सरिस्का में बाघों की संया 33 है।
पर्यटकों को नजर आना हुए कम सरिस्का के पर्यटक जोन में भी बाघों की साइटिंग कम हो रही है। गर्मी को ही इसका कारण माना जा रहा है। बाघ अपनी साइट्स को छोड़कर इन दिनों तालाबों में डेरा डाले हुए हैं। एसटी 7, 8, 9, 15 व 21 टाइगर की अमूमन पर्यटकों को साइटिंग हो जाती थी, लेकिन अब ये कम नजर आ रहे हैं।सरिस्का में सांभर सर्वाधिक
एक टाइगर की टेरेटरी में हजारों सांभर, नीलगाय, जंगली शुकर, बिल्ली, लैपर्ड आदि होते हैं। ये भी गर्मी में परेशान रहते हैं। ऐसे में ये पानी तलाशते हैं और पानी के आसपास रहना पसंद करते हैं। टाइगर को तालाब में देख इनकी हिमत वहां जाने की नहीं होती है। ऐसे में ये पानी के लिए दूसरी जगह जाते हैं।