कोटा। वार्ड नम्बर 22 कोटा दक्षिण सिन्धी कॉलोनी के बाशिंदे कई मूलभूत सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। कॉलोनी में आवारा मवेशियों का भ्रमण,मुख्य सड़क पर नाले में मलबें से जाम कॉलोनी में श्वानों की ज्यादती से परेशान हैं। वार्ड नम्बर 22 सिन्धी कॉलोनी के रहवासियों ने बताया कि यहां सफाई कर्मियों के नियमित नहीं आने से मोहल्ले में कचरा व नाले में मलबा अटा पड़ा हैं। जिससे मच्छरों की ज्यादाती बढने से लोग मच्छरजनित रोगों से पीड़ित हो रहे हैं। आवारा मवेशियों के चलते आए दिन दुपहिया वाहन चालक इनका कोप भाजन हो रहे हैं। सफाईकर्मी आते तो हैं पर मन से कार्य न करते हुए औपचारिकता पूरी कर ऊपर-ऊपर झाङू लगा कर चलते बनते हैं। कॉलोनी वासियों का यह भी कहना है कि तकरीबन 6000 हजार के आस-पास इस कॉलोनी की आबादी है। पर साफ-सफाई को लेकर सफाई कर्मी किसी गली को तो ढंग से साफ कर देते हैं व कई गलियों में इधर-उधर बिखरा कचरा कॉलोनी को बदसूरत बनाने में अपनी महती भूमिका निभा रहा है। कॉलोनी में कुछ ऐसे भी दुकानदार हैं जिन्होने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कॉलोनी की नालियां एक-दो-चार क्या दो-दो माह से साफ नहीं होती,जिससे मलबा इस कदर बदबू मारता हैं कि सामान लेने आए ग्राहकों का यहां ज्यादा देर रूकना भी मुश्किल हो जाता है।
सांङ-गायें व कुतों की तो कोलोनी में यह स्थिति हैं कि यहां आवारा जानवर कोनसी गली-मौहल्लें से निकलकर कब आ जाए पता नहीं। बस बाइक सवार को ही सावधान रहना है। ,अन्यथा दुर्घटना होना निश्चित है। गली से सटे एक कार्नर जो कि गढ की ओर रास्ता जाता है,वहां एक नालें में जमा मलबा इस तरह सङांध मारता है कि इस पूरे इलाके में इस नाले के चलते बदबू का माहौल बना रहता है। लोगों का कहना है कि यहां आवारा मवेशियों से ज्यादा श्वानों(कुत्तों)का आतंक हैं। काफी संख्या में कुत्ते होने से यह छोटे बच्चों पर तो हमला भी बोल देते हैं।
हमने इन चालीस सालों में पहली पार्षद देखी हैं जो सिर्फ व सिर्फ काम में विश्वास रखती हैं न की झांसे बाजी में। कोलोनी के बच्चों को पूछकर देख लो जो कोलोनी में पब्लिक पार्क पहले भी था व अब भी है। इस पार्षद ने पार्क को बच्च्चों के लिए आलीशान बनवा दिया है