गाय के गोबर से लीपने वाली आदिवासी महिलाएं अब उससे राखियां बना रही

श्रावणी कार्यक्रम व मेला में बेचा जा रहा है

Update: 2023-08-22 04:20 GMT

उदयपुर: आदिवासी बहुल गोगुंदा की महिलाएं गाय के गोबर से राखियां तैयार कर रही हैं। यह मार्केट में मौजूद अन्य राखियों से न केवल सस्ती हैं, बल्कि कई रंगों व डिजाइन में हैं। इन्हें बेचने को लेकर दो तरह से काम हो रहा है। एक तो इन्हें मंदिर, श्रावणी कार्यक्रम व मेला में बेचा जा रहा है, दूसरा-इन महिलाओं को दिशा देने वाली संस्था हैंड इन हैंड इन इंडिया के पदाधिकारी भी मार्केटिंग पर काम कर रहे हैं। गोबर से बनी एक राखी की कीमत करीब 8 रुपए और दो की 15 रुपए रखी गई है।

वाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया सहित अन्य कई माध्यमों से भी इनको प्रमोट किया जा रहा है। वहां इन राखियों की खूबियां बताई जा रही हैं। हैंड इन हैंड इन इंडिया संस्था के प्रयासों से अब तक इन महिलाओं ने एक हजार राखियां तैयार कर ली हैं और रक्षाबंधन आने से पहले इतनी ही राखियां और तैयार करेंगी। गोबर से बनी एक राखी की कीमत करीब 8 रुपए और दो की 15 रुपए रखी गई है।

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