बदली स्कूल की सूरत: गजवाड़ा विद्यालय परिसर में लगभग 120 प्रकार के प्रजातियों के पेड़-पौधे लगाए गए

Update: 2023-02-27 14:49 GMT

चांदीपुर: क्षेत्र के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गजवाड़ा के प्रधानाध्यापक एवं सभी शिक्षकों ने मिलकर स्कूल और शिक्षा व्यवस्थाओं को बदलने और सुधारने के जुनून के साथ ही सरकारी स्कूल का कायाकल्प कर दिया। यहां हर कोई इस विद्यालय की तारीफ करता नजर आता है। अक्सर सरकारी विद्यालय का नाम आते ही जहन में टूटी फूटी बिल्डिंग, छतों से टपकता पानी और बेहाल व्यवस्थाएं नजर आती है लेकिन यह एक सरकारी विद्यालय ऐसा है जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। शिक्षा का स्तर तो बदला ही साथ ही विद्यालय का परिसर भी हरियाली से अटा पड़ा है, विद्यालय परिसर में लगभग 120 प्रकार के प्रजातियों के पेड़-पौधे हैं।

ये औषधीय पौधे लगाए: तुलसी, नागदोन ,पत्थरचट्टा, मीठा नीम गिलोय ,एलोवेरा ,आंवला, सहजन, बिल्वपत्र, कपास आदि है। वही फूलों वाले पौधे में गुलाब,नवरंगा, टिकोमा, गेंदा, एक्जोरा, राखी बेल, चंपा, चमेली, मधु मल्टी, बोगन बेल, कनेर गुड़हल, मोगरा, मोरपंखी, यूफोरबिया, चांदनी, रातरानी, नीम, शीशम, कदंब, पीपल, बरगद, सप्तपर्णी, ढाक (पलास), अस्ता, अशोक, गुलमोहर, पारस पीपल, खेर, बोटल पाम आदि है। यहां किचन गार्डन और फ्लावर गार्डन को बहुत ही शानदार तरीके से अनेक प्रकार के फूल वाले पौधों से सुसज्जित किया है। प्रधानाध्यापक रंगलाल मीना बताते है कि यहां नल से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं आने के कारण ग्रीष्मावकाश के समय पेड़ पौधे सूख जाते हैं। इस संदर्भ में कई बार जनप्रतिनिधियों को इस समस्या के बारे में अवगत करा दिया गया है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला। विद्यालय में शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए बेहतर वातावरण में शिक्षा दी जा रही है। यहां शिक्षकों और भामाशाह के सहयोग से 50 जोड़ी स्टूल टेबल तथा हर कक्षा कक्ष में विद्यार्थियों के लिए पंखों की व्यवस्था की गई है। अगर कोई भी व्यक्ति ठान लें और समस्याओं को जुनून के रूप में स्वीकार कर समस्याओं को लड़ना सीख ले तो व्यक्ति के जुनून के आगे समस्याएं भी नतमस्तक हो जाती है। विद्यालय परिवार ने समस्याओं से लड़ समस्याओं से निजात पाई। अगर हर सरकारी विद्यालय का परिवार पूरे जुनून से कार्य करें, तो वो दिन दूर नहीं जब सरकारी विद्यालय शैक्षिक गुणवत्ता में निजी विद्यालय से भी बेहतर होंगे और अभिभावकों का रुझान सरकारी विद्यालय की ओर बढ़ेगा। विद्यालय के शिक्षक राजेंद्र कुमार लववंशी ने बताया कि विद्यालय में राजूलाल लोधा,दुलीचंद लोधा,कमलेश कुमार लोधा तथा शिवनाथ मीना अतिरिक्त समय देते हैं और ग्रीष्मावकाश के दौरान भी सप्ताह में दो बार पौधों को पानी पिलाने आते हैं। विद्यालय प्रबंधन समिति को ग्रामीणों और भामाशाह का भी विशेष सहयोग मिला है। 

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