
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ में हर साल करीब 10 हजार वाहनों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन यातायात व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मियों की पदस्थापना नहीं हो रही है। जिला मुख्यालय पर यातायात नियंत्रण के लिए यातायात पुलिस के पद पिछले 5 से 7 साल से नहीं भरे जा रहे हैं। 1999 के आसपास प्रतापगढ़ में 10 में से 5 चौकियों के आधार पर शहर में यातायात पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में लंबा ट्रैफिक रहता है, वहीं बड़ी बात यह है कि ट्रैफिक पुलिस ने शहर में ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए अलग-अलग जगहों पर 10 प्वाइंट बनाए हैं, जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके. जबकि हकीकत में मुख्यालय पर चालक समेत सिर्फ 10 पुलिसकर्मी हैं। यानी एक प्वाइंट पर 3 से ज्यादा जवान तैनात नहीं किए जा सकते।
इसके अलावा शहर के अंदरूनी हिस्सों में ज्यादातर सड़कें संकरी होने के कारण कई बार लंबा जाम लग जाता है. जाम के कारण कई बार वाहन चालकों को परेशान होना पड़ता है। सूरजपोल से बस स्टैंड तक आए दिन कभी 15 से 20 मिनट तो कभी 1 से 2 घंटे तक जाम देखने को मिलता है. शहर में समय-समय पर धार्मिक-राजनीतिक आयोजन होते रहते हैं। शहर के गांधी चौराहे पर सभी आयोजनों में अधिक समय लगता है। वहां पहुंचने का कोई और रास्ता नहीं होने के कारण करीब 1 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है. गांधी चौराहे से कार्यक्रम समाप्त होने के बाद ही वाहन सुचारू रूप से चलने लगते हैं। इसके अलावा जाम का एक मुख्य कारण बस स्टैंड पर अवैध रूप से खड़ी कई बसें भी हैं। निजी बस स्टैंड व रोडवेज बस स्टैंड एक ही स्थान पर होने के कारण बसें जाम में फंस जाती हैं, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है।