करौली। करौली प्रदेशभर में एक और पुलिस और प्रशासन मिलकर सड़क हादसों एवं उनमें मरने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए जागरुकता अभियान सहित चालान आदि की सख्ती से यातायात नियमों की कठोरता से पालना कराता नजर आ रहा है। वहीं करौली जिले में पुलिस कप्तान की यातायात नियमों की पालना करवाने में ढिलाई के चलते वर्ष 2020 और 2021 की तुलना में भरतपुर संभाग में केवल करौली जिले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा के जागरुकता अभियान और यातायात नियमों की सख्ती के चलते जहां एक्सीडेंट की संख्या में 7%, दुर्घटनाओ में मरने वालों में 14% और घायलों की संख्या में 1.49%कमी आई है तो वहीं वर्तमान में कप्तान द्वारा जिले में यातायात नियमों की सख्ती से पालना नहीं कराने एवं पुलिस कार्मिकों द्वारा अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों के चलते 2021 की तुलना में 2022 में 28% से अधिक एक्सीडेन्ट की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके चलते 2022 में ही 29%मृतकों एवं 30% घायलों की संख्या में इजाफा हो गया है। यहीं नहीं जनवरी 2023 के महज एक माह में ही 25 दुर्घटनाऐं हो चुकी है जिसमें भी 11 लोग असमय काल का ग्रास बन गए है। पुलिस कप्तान के यातायात नियमों की सख्ती से पालना के निर्देश महज कोरो भाषण साबित हो रहा है। जहां एक और कप्तान सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या में कमी लाने को लेकर कोई प्रभावी कार्य योजना तैयार नहीं कर पाए है तो वहीं दूसरी और पुलिस द्वारा कार्यवाही करने पर अधिकारियों, नेताओं के जानकारों की सिफारिशों के कारण लोग चालान की कार्यवाही से बचकर निकल रहे है।
उसी रौब में यातायात नियमों की खुलेआम धज्जिया उडा रहे है। आंकडों की बात करे तो वर्ष 2018 में पुलिस ने24768 लोगों के विभिन्न मामलों में चालान कर 6055941 रुपए का चालान वसूल किया। वर्ष 2019 में सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए चालान की राशि में बढ़ोत्तरी कर दी और अधिक से अधिक चालान कर सड़क दुर्घटनाओं में मौतों के आंकड़ों को कम करने का प्रयास किया। जिले में भी वर्ष 2018 में पुलिस ने 24768 लोगों से 60 लाख 55 हजार 941 रुपए, वर्ष 2019 में 33521 लोगों से 83लाख 17 हजार 160 रुपए तो वर्ष 2020 में 38073 लोगों से 1करोड 2 लाख 40 हजार 850 रुपए की राशि चालान के रुप में वसूल की गई लेकिन जहां अन्य जिलों में चालान की संख्या और चालान की राशि में संभवतया वृद्धि हुई है वहीं दूसरी और करौली जिले में पुलिस द्वारा चालान की संख्या में कमी की गई है। जिसके चलते वर्ष 2021 में महज 30684 लोगों से 79 लाख एक हजार 800 रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है और वर्ष 2022 में चालाना की संख्या बढ़कर 31052 हो गई। सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण ब्लैक स्पॉट होता है। जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर सिद्धार्थ सिंहाग के प्रयासों 7 में से 2 ब्लैक स्पॉट जटनगला से मिल्कीपुरा तक सूरौठ रोड तथा गणेश होटल से रतियापुरा बस स्टैंड तक धौलपुर रोड पर ही शेष रह गए थे जो आज भी यथावत है। हालांकि हाईवे पर बने गड्ढों के कारण भी दुर्घटनाऐं हुई तो सर्वाधिक दुर्घटनाऐं आवारा पशुओं एवं अन्य वाहनों को बचाने के चक्कर में होती है। मामलों में यातायात नियमों की पालना नहीं करना सबसे बड़ा कारण रहा है। जिले में वर्ष 2021 में ही 106 लोगों में से दुपहिया वाहन दुर्घटना में 100 लोगों की मौत हो गई। जिनमें से 80 उन लोगों की मौते हुई जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था तो वर्ष 2022 में हेलमेट नहीं पहनने के कारण 86 लोगों की और जनवरी 2023 में महज एक माह में ही 11 में से 5 लोगों की मौत हेलमेट नहीं पहनने के कारण हो चुकी है।