चित्तौरगढ़। जौहर श्रद्धांजलि समारोह व मेले के साथ शुक्रवार को आयोजित पारंपरिक खेल प्रतियोगिता का समापन हुआ। इस दौरान घुड़सवारी, सुंदर घोड़ी, घोड़ी नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अलावा सफा बंधो, चेयर रेस, रुमाल झपट्टा, रस्साकशी जैसे कई खेलों ने देर शाम तक सभी को बांधे रखा। वहीं मेहंदी बनाओ प्रतियोगिता में हाथ पर महारानी का जौहर उकेरा गया, जिसकी जिलाधिकारी अरविंद कुमार पोसवाल ने भी जमकर तारीफ की। चित्तौड़गढ़ में महाराणा सांगा की स्मृति में पारंपरिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था, जिसका समापन आज हुआ। सुबह से ही स्नैप शूटिंग, तीरंदाजी, घुड़सवारी, सुंदर घोड़ी, घोड़ा नृत्य, साफा बंधो, कुर्सी दौड़, रुमाल झपट्टा, रस्साकशी जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस दौरान सभी घोड़ों ने सुंदर घोड़ा-घोड़ी प्रतियोगिता में अपने करतब दिखाए। इसके अलावा रिमझिम बारिश में घोड़ों ने ढोल की थाप पर पिट्ठू नृत्य किया। घोड़ों को नचाने के लिए म्यूजिक बैंड का कार्यक्रम रखा गया। घोड़ा नृत्य में प्रीतम उस्ताद का घोड़ा अर्जुन प्रथम, अनवर भाई का घोड़ा सोनी द्वितीय और भीलवाड़ा के नारू का घोड़ा पिंटू तीसरे स्थान पर रहा। इसी तरह चंद्रप्रकाश का घोड़ा वीरभद्र प्रथम, मनीष व अर्जुन का घोड़ा तेजस द्वितीय, चंद्रप्रकाश का घोड़ा राजपाल भी द्वितीय तथा मनोज सुखवाल की घोड़ी नूरी तृतीय स्थान पर रहा। घुड़दौड़ में मनोज सुखवाल का घोड़ा असलक प्रथम, अयूब भाई का घोड़ा टाइगर द्वितीय, अयूब भाई की थोडी रानी द्वितीय तथा मनोज सुखवाल की घोड़ी केसरी तृतीय स्थान पर रही।