नकली कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर व्यापारी हुए एकजुट

Update: 2023-02-12 15:05 GMT

जींद,  सेठों वाली धर्मशाला (Dharamshala)में रविवार (Sunday) को शहर के व्यापारियों की बैठक व्यापार मंडल के प्रधान महावीर कंप्यूटर की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में दो दिन पहले पकड़े गए नकली तथाकथित फूड स्पलाई कर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि खाद्य सुरक्षा के नकली अधिकारी बन कर जो रसीदें काट कर रकम वसूली की गई है, दुकानदारों के पैसे वापस मिलने चाहिए.

इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की जांच होनी चाहिए और जो युवा सक्षम कंपनी के कौन व्यक्ति इस जालसाजी में शामिल है, उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. इस घटनाक्रम को लेकर व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार (Monday) को पुलिस (Police) अधीक्षक से मिलेगा और जो भी इस घटनाक्रम में शामिल है, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा.

जिला प्रधान महावीर कंप्यूटर ने कहा कि व्यापारियों के साथ जो ठगी का जाल बिछाया गया है, इसमें कई खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं. क्योंकि उनके संज्ञान में दुकानदारों ने पहले भी अवगत करवा दिया था लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए थे. विभाग ने कृष्ण तोमर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला तक दर्ज नहीं करवाया. जबकि यह जिम्मेवारी खाद्य सुरक्षा विभाग की बनती थी और ना ही व्यापारियों को युवा सक्षम योजना प्रशिक्षण की जानकारी दी गई थी. जबकि इस कंपनी का टेंडर पहले ही रद्द हो चुका है और ना ही आजतक कोई प्रशिक्षण सेंटर खोला गया है.

उन्होंने कहा कि लगभग तीन महीनों से खाद्य सुरक्षा विभाग की नाक के नीचे इतना बड़ा घोटाला होता रहा. खाद्य सुरक्षा विभाग को लेकर काफी दुकानदारों में रोष था. अगर खाद्य सुरक्षा विभाग इस नकली अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करता तो दुकानदार इस लूट से बच जाते. आखिर में दुकानदारों ने इक_े होकर इस नकली अधिकारी को पकड़ कर पुलिस (Police) को सौंपने का काम किया. यह दुकानदारों को डरा-धमका कर पिछले लगभग तीन महीने से पर्चियां काट कर मोटी रकम वसूल रहा था और यह व्यक्ति पहले खाद्य सुरक्षा विभाग में नौकरी कर रहा था.

उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने मांग की है कि इसके फोन की डिटेल कॉल भी निकलनी चाहिए. क्योंकि यह खाद्य सुरक्षा विभाग की सैंपल भरने की धमकी देता था तथा जब तक दुकानदार टे्रनिंग नहीं लेंगें और प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट नहीं बनाएंगे. तब तक इंकम टैक्स की फाइल जमा होगी और ना ही आपके ई-वे बिल कटेगें तथा खाद्य सुरक्षा विभाग का कोई लाइसैंस नहीं बनेगा.

 

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