जयपुर: इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सचिन पायलट मौजूद रहेंगे. वहीं, पैर में फ्रैक्चर के कारण अशोक गहलोत वर्चुअली शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव की नाराजगी दूर कर उन्हें डिप्टी सीएम बनाया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के लिए भी यही फॉर्मूला ला सकता है और सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी.
2020 से ही सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच टकराव चल रहा है. तब सचिन पायलट ने गहलोत के खिलाफ बगावती रुख अपना लिया था. सचिन 18 साथी विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर गए. तब कांग्रेस आलाकमान उन्हें बड़ी मुश्किल से मना सका था. इसके बाद सचिन पायलट को राजस्थान के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद गंवाना पड़ा. वहीं, साल 2018 में जब सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष थे तब कांग्रेस ने राजस्थान में बड़ी चुनावी जीत हासिल की थी. इसके बाद अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार, गद्दार और महामूर्ख कहा है. वहीं, सचिन पायलट लगातार राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को अपनी कहानी सुना रहे हैं.
25 सितंबर 2022 को कांग्रेस आलाकमान ने खड़गे और अजय माकन को जयपुर भेजा था और सचिन पायलट को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने बगावती तेवर दिखा दिए और सारा मामला धरा का धरा रह गया. इसके बाद पिछले जून में खड़गे और राहुल की मौजूदगी में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने बैठकर बात की थी. जिसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों को साथ लेकर मीडिया के सामने दावा किया कि राजस्थान में सब कुछ ठीक है. इससे पहले सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था. इसके अलावा सचिन पेपर लीक मामले के विरोध में अजमेर से जयपुर तक पैदल भी गए थे.