कोटा। कोटा मानसून की विदाई के साथ मौसम में बदलाव शुरू हो चुका है। दिन-रात के तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते इन दिनों मौसमी बीमारियों ने पैर पसार लिए है। मौसमी बीमारियों के मरीजों करीब 15 से 20 फीसदी इजाफा हुआ है। अस्पतालों में वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, फंगल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। एमबीएस, नए अस्पताल, जेके लोन, रामपुरा जिला अस्पताल समेत अन्य निजी अस्पतालों में ओपीडी में पैर रखने की जगह तक नहीं है। पर्ची काउंटर, जांच काउंटर, डॉक्टर परामर्श, दवा काउंटर सभी जगहों पर मरीजों की भीड़ दिखाई दे रही है। एमबीएस व नए अस्पताल की ओपीडी 3000 पार हो चुकी है।
कोटा मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज जैन ने बताया कि मौसम में परिवर्तन होने से मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे है। पिछले कुछ दिनों से वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, गले में तेज दर्द के मरीजों की संख्या 15 फीसदी तक बढ़ी है। वायरल फीवर बच्चों और बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरपी मीणा ने बताया कि इन दिनों ओपीडी 3 हजार के पार चल रही। सभी तरह के मरीज सामने आ रहे है। कामकाज के सिलसिले में अक्सर अपने घरों से बाहर रहने वाले अन्य लोग भी इस वायरल की चपेट में आ रहे हैं। एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों 2800 से 3 हजार की ओपीडी चल रही है। जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि अस्पताल में ओपीडी 600-650 के पास पहुंच गई है। इन दिनों घर की साफ-सफाई हो रही है। धूल मिट्टी से इन्फेक्शन बढ़ रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अमृता मंयगर ने बताया कि बच्चे खांसी, जुकाम, बुखार, न्यूमोनिया, डेंगू व डेंगू इलनाइस से पीड़ित मिल रहे है।