इस तरह का इलाज किसी सरकारी अस्पताल में नहीं होता था, जानिए पूरी खबर

Update: 2023-05-03 14:30 GMT
इस तरह का इलाज किसी सरकारी अस्पताल में नहीं होता था, जानिए पूरी खबर
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जोधपुर न्यूज: डाॅ. एसएन मेडिकल काॅलेज कार्डियोलॉजी विभाग में 63 से 85 साल के 4 दिल के मरीजों के लेफ्ट एट्रियल एपेंडेजसक्लोजर (एलएए) डिवाइस से उपचार कर राहत दी गई। कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित माथुर ने बताया कि चारों मरीज जोधपुर और समीप के रहवासी हैं। तीन मरीजों को तो पैरालिसिस अटैक आ चुके थे।

सभी मरीजों में अनियमित दिल की धड़कन, जिसे साइंटिफिक भाषा में एट्रियल फिब्रिलैशन कहते हैं, जिसमें दिल के एक भाग में खून के थक्के बनने लगते हैं। थक्के कई बार निकल कर मस्तिष्क में चल जाते हैं। इससे लकवा होने का खतरा रहता है। इन थक्काें काे घोलने के लिए ब्लड थिनर दवाएं ली जाती हैं, जिससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है।

इन मरीजों में बिना चीरफाड़ के पांव की नसों से दिल के राइट साइड से ट्रैन्सेप्टल पंच से लेफ्ट साइड मे पहुंचकर एक शीथ में डिवाइस एलएए को लेकर गए। उसे बाहर से जुड़े तार के माध्यम से खोल दिया। अब इन मरीजों को ब्लड थिनर दवाएं लेने की जरुरत नहीं होगी।

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