इस बार सिंघाड़ा उत्पादन पर लगा ग्रहण, किसान हुए निराश

Update: 2023-08-20 14:28 GMT
करौली। करौली तालाब में गंदगी जमा होने से नहीं हो पा रही खेती कुड़गांव. करौली जिले सहित प्रदेश भर में अपनी मिठास के लिए मशहूर कुडगांव क्षेत्र का सिंघाड़ा कुछ सालों से अपनी पहचान खोता जा रहा है. जिस तालाब में दशकों से सिंघाड़े की बंपर पैदावार हो रही थी, वहां गंदगी जमा होने से सिंघाड़े की पैदावार नहीं हो पा रही है। कुछ साल पहले तक ग्राम पंचायत महमदपुर के बांस मंडावरा स्थित गुलिया तालाब में करीब सात बीघे जमीन पर बने तालाब में सिंघाड़े की खेती होती थी। यह फसल जुलाई-अगस्त और दिवाली में लगाई जाती है सिंघाड़े की पैदावार पर लगा ग्रहण, तालाब में गंदगी जमा होने से किसान नहीं कर पा रहे खेती कुड़गांव. करौली जिले सहित प्रदेश भर में अपनी मिठास के लिए मशहूर कुडगांव क्षेत्र का सिंघाड़ा कुछ सालों से अपनी पहचान खोता जा रहा है।
जिस तालाब में दशकों से सिंघाड़े की बंपर पैदावार हो रही थी, वहां गंदगी जमा होने से सिंघाड़े की पैदावार नहीं हो पा रही है। कुछ साल पहले तक ग्राम पंचायत महमदपुर के बांस मंडावरा स्थित गुलिया तालाब में करीब सात बीघे जमीन पर बने तालाब में सिंघाड़े की खेती होती थी। यह फसल जुलाई-अगस्त में लगाई जाती है और दीपावली के समय बाजार में पहुंचती थी, लेकिन अब तालाब में गंदगी के कारण हालत खराब है। उत्पादन में कमी के कारण कुडग़ांव क्षेत्र का सिंघाड़ा लोगों को नहीं मिल पा रहा है। पांच दशक से खेती कर रहे कीप जाति के मुखिया गोविंद कश्यप ने बताया कि ग्राम पंचायत महमदपुर के गुलिया तालाब में करीब पांच दशक से सिंघाड़े का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन जमाव के कारण स्थिति खराब है. कुछ वर्षों से तालाब में गंदगी पहले तालाब में सिंघाड़ा उत्पादन के लिए पंचायत से अनुमति लेनी पड़ती थी। इसकी रसीद कटती थी, लेकिन बाद में पंचायत ने मुफ्त सुविधा दी, लेकिन अब तालाब में गंदगी के कारण उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं. सिंघाड़ा उत्पादन के लिए बीज मासलपुर क्षेत्र से लाए जाते हैं। हालांकि, तालाब की साफ-सफाई नहीं होने के कारण अब कुछ किसान तालाब के पास दूसरे स्थान पर पानी की व्यवस्था कर सिंघाड़े का उत्पादन करने की योजना बना रहे हैं।
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