तेजी से फैल रही ये बीमारी... बन रही मौत का कारण, जाने इसके लक्षण एवं बचाव

Update: 2023-08-28 09:04 GMT
राजस्थान: गर्मी के मौसम में एक बीमारी ऐसी है जों अधिकांश हर उम्र के लोगों को गलत खानपान या डिहाईड्रेशन के चलते होती है. यही वजह है कि इस मौसम में दस्त रोग नाम की है यह साधारण सी बीमारी सबसे ज्यादा लोगों कों अपने लपेटे में लेती है. मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश चंद मीणा बताते हैं कि गर्मियों और मानसून के मौसम में इस रोग का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है.
मीणा के मुताबिक दस्त रोग का मुख्य कारण खुले में शौच, बारिश में दूसरे माध्यमों में मक्खियों के द्वारा बैक्टीरिया के फैलने से और दूषित व प्रदूषित जल स्रोतों के पीने से सबसे ज्यादा होता है. सामान्य रूप से गर्मियों के दिनों में होने वाला यह रोग सबसे ज्यादा 5 साल तक के बच्चों के लिए घातक सिद्ध होता है. दस्त रोग 5 साल तक के छोटे बच्चों में तो मौत का कारण बन रहा हैं. हाल ही में आए चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में केवल 29 दिन में बच्चों की मृत्यु दर में 4.62 प्रतिशत मौत का कारण दस्त रोग रहा है. बाल मृत्यु के करणों में दस्त रोग मुख्य कारक हैं. इसलिए खास तौर से इस बीमारी से छोटे बच्चों का बेहद ख्याल रखना जरूरी है.
रोग से बच्चों का ऐसे करें बचाव
इससे बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सबसे ज्यादा स्वच्छता और शुद्ध पेयजल पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा दस्त के लगते ही चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए. अगर गर्मी के मौसम में बच्चों में यदि दस्त हो भी जाए तो जिंक की गोलियों के साथ ओआरएस घोल सबसे ज्यादा पिलाना चाहिए. जिससे बच्चों को दस्त रोग होने पर निर्जलीकरण से बचाया जा सके. दस्त रोग होने पर खान-पान का सबसे ज्यादा ख्याल रखना चाहिए. बच्चों को दस्त के समय सबसे ज्यादा केला खिलाना चाहिए, क्योंकि केले का उपयोग इस रोग में सबसे ज्यादा लाभदायक रहता है. उच्च मात्रा में फाइबर होने के कारण केला दस्त से राहत दिलाने में कारगर होता है और सबसे ज्यादा ध्यान रहें कि दस्त के टाइम ऐसी कोई चीज का सेवन न करें जिस पर मधुमक्खी सबसे ज्यादा बैठती हैं. क्योंकि ऐसी चीजों में बैक्टीरिया का ज्यादा खतरा रहता है. जिनके सेवन से दस्त के समय यह मौत का कारण भी बन सकता हैं.
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