जयपुर: भाजपा के पूर्व मंत्री व छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने बुधवार को मिड डे मिल के तहत पोषाहार वितरण के लिए हुए 7500 करोड़ के टेंडर में घोटाले का आरोप लगाया है। मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि नियमों को तोड़कर इंदौर की फर्म सांई ट्रेडिंग कंपनी को टेंडर किया है। कंपनी घटिया पोषहार भी सप्लाई कर रही है, जिसे बच्चे, महिलाएं नहीं खा पा रहे हैं और इन्हें वे पशुओं को डाल रहे हैं। उन्होंने टेंडर को निरस्त करने और मामले की जांच एसओजी या फिर न्यायिक कमेटी बनाकर कराने की मांग सरकार से की है। उन्होंने कहा कि वे पहले विधानसभा में इस मुद्दे को उठा चुके हैं। सीएम को भी तीन बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
प्री-बिड भी नहीं हुई: उन्होंने बताया कि 15 मार्च 2022 को केवल 9 दिन की समयावधि देकर प्रति वर्ष 1 हजार करोड़ प्रतिवर्ष के हिसाब से 5 हजार करोड़ की निविदा हुई, 50 फीसदी की वृद्वि आरटीपीपी के तहत करने पर सहमति बनी। कंपनी से बिड सिक्योरिटी के रुप में 5 फीसदी राशि यानी 375 करोड़ लेनी थी, लेकिन केवल 5 करोड़ ही ली गई। प्री-बिड भी नहीं हुई। निविदा में 15 करोड़ सालाना टर्न ओवर व माइक्रो यूनिट के लिए 1.16 करोड़ की योग्यता, अनुभव में क्रमश: 40 करोड़ तीन साल और माइक्रो यूनिट के लिए 1.50 करोड़ सप्लाई अनिवार्य की गई। अनुभव से ज्यादा टर्न ओवर को मैरिट में रखा। 80 फीसदी टर्नओवर और 10 फीसदी ही नंबर अनुभव के दिए। पोषण ट्रेकर, आनलाइन मॉनिटरिंग की शर्त को नजरअदांज किया गया।
एफसीआई से गेंहू, चावल उपलब्ध नहीं होने पर बाजार से खरीद का अतिरिक्त भुगतान का प्रावधान कर दिया गया। एनएफएसए के निर्धारित पोषाहार गुणवत्ता के मापदंड फर्म नहीं मान रही है। घटिया पोषहार सप्लाई कर रही है। जिसमें खारापन और कड़वाहट के चलते ग्रामीण इलाको में इन्हें पशुओं को डाला जा रहा है। टेंडर नियम तोड़ने, घटिया पोषहार सप्लाई के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।