जयपुर: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी का मानना है कि संसद और विधानसभाओं के कार्य दिवसों में बढ़ोतरी होनी जरूरी है। उन्होंने सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में अपनी मंशा को जाहिर करते हुए कहा कि विधायिका जनता के प्रति जवाबदेह होती है।
इसलिए लोकतंत्र में उसकी भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है। जब संसद और विधानसभाओं की बैठकें ज्यादा होगी तो उसके सार्थक परिणाम भी सामने आएंगे। उन्होंने बातचीत में कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश ने हाल ही में उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में कॉलेजियम पर अपनी राय प्रकट की है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की राय अपनी जगह है, लेकिन विधायिका का महत्व इसलिए होना चाहिए कि जनता ही विधायक और सांसद चुनती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विधायिका का महत्व बना रहना चाहिए। जोशी ने कहा कि मौजूदा समय में संसद और विधानसभाओं के लिए जो कार्य दिवस निर्धारित हैं वे कम है। ऐसे में इन कार्य दिवसों में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। केवल केरल ही एक ऐसा प्रदेश है, जहां विधानसभा की साठ बैठकें तक होती है। उन्होंने कहा कि जनता जिनको अपना प्रतिनिधि चुनती है उनसे उम्मीद भी करती है। विधानसभा और संसद ऐसे मंच हैं, जहां जनता की समस्याओं के समाधान के निर्णय हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं की भूमिका नए ढंग से निर्धारित करने की जरूरत है।