जयपुर न्यूज: एसएमएस मेडिकल कॉलेज में मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी की हाईटेक चिकित्सा सुविधा देने का दावा 'कुप्रबंधन' के आगे घुटने टेकता नजर आ रहा है. कॉलेज प्रशासन ने एक साल पहले 200 करोड़ रुपये की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को शुरू किया था, लेकिन गैस्ट्रोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी जैसी बीमारियों के लिए पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री लैब का इंतजार है.
यहां सिर्फ सैंपल कलेक्शन सेंटर है। जहां से वार्ड ब्वाय सैंपल लेकर जांच के लिए एसएमएस करता है। सैंपल लेने से लेकर जांच रिपोर्ट आने तक में काफी समय लग जाता है। रोजाना 1000 से ज्यादा मरीज आउटडोर में आते हैं, जबकि करीब 300 मरीज भर्ती होकर इलाज करवाते हैं।
नहीं मिल रही गुणवत्तापूर्ण देखभाल नर्स ग्रेड-2, लैब टेक्निशियन, असिस्टेंट रेडियोग्राफर, ओटी टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, मेडिकल गैस पाइपलाइन ऑपरेटर, हेल्पर जैसे स्टाफ की कमी है। इससे मरीजों को जांच, भर्ती और इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि कर्मचारियों को पत्र लिख चुके हैं।