बाड़मेर। बाड़मेर 700 किलोमीटर दूर पंजाब के चोरों ने राजस्थान के हनुमानगढ़ और गंगानगर के चोरों के साथ एक सूने मकान से सोने-चांदी के आभूषण और लाखों रुपये की नकदी चोरी कर ली है. दूरी अधिक होने के कारण चोर पुलिस से खुद को सुरक्षित मान रहे थे। लेकिन पुलिस ने 5 महीने बाद अंतरराज्यीय चोर गिरोह के दो चोरों को पंजाब और गंगानगर से गिरफ्तार किया है. इससे पहले पुलिस ने चोरी के कुछ दिनों बाद दोनों चोरों को गिरफ्तार किया था। अब तक कुल 4 चोरों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं पुलिस अन्य साथियों की तलाश के साथ ही सामान बरामद करने में जुटी है.
पुलिस के अनुसार शहर के कृष्णा नगर निवासी महेश पुत्र हंसाराम सोनी बच्चों सहित जैसलमेर के सातो गांव स्थित मंदिर में दर्शन करने गया था. 31 अगस्त की रात चोर घर की दीवार फांदकर अंदर घुसे और लोहे के एंगल से मुख्य गेट का ताला तोड़ कर अंदर घुसे. बेडरूम में रखी अलमारी का ताला तोड़कर कपड़े बिखेर दिए। दूसरी मंजिल के कमरों के ताले टूटे हुए हैं। अलग-अलग कमरों में रखी नकदी भी चोरी हो गई। चोरों ने 15 तोले वजन के अलग-अलग जेवरात, 700 ग्राम चांदी के जेवरात व गेहूं के छप्पर में छिपाकर रखे लाखों रुपये की चोरी कर ली. गुरुवार को पड़ोसियों ने घर के अंदर का गेट खुला देखा तो मकान मालिक को फोन किया। इसके बाद पुलिस और परिजनों को बुलाया गया। पुलिस और एफएसएल की टीमों ने मौके पर साक्ष्य जुटाए।
कोतवाली एसआई चैन प्रकाश के अनुसार चोरी की घटनाओं को रोकने व अज्ञात चोरों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है. टीम के सदस्यों ने जांच पड़ताल कर आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस ने आरोपी राकेशकुमार पुत्र मदनलाल निवासी पृथ्वी की चक्की, अजीमगढ़, सिटी अबोहर, फाजिल्का पंजाब और सज्जनकुमार पुत्र हंसराज निवासी अमरपुरा, बहाववाला, फाजिल्का पंजाब हॉल सरदूलशहर, गंगानगर को गिरफ्तार किया है। चोरों ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड, मंडोर और नोखा में चोरी की वारदातों को अंजाम देना कबूल किया है।
चोरों का यह गिरोह पंजाब के फाजिल्का अबोहर और राजस्थान के हनुमानगढ़ व गंगानगर का रहने वाला है, जिसने करीब 700 किलोमीटर दूर आकर बाड़मेर के एक खाली मकान में चोरी की घटना को अंजाम दिया. इतनी लंबी दूरी पर आकर चोरों का चोरी करने का मकसद लंबी दूरी होने के कारण किसी भी तरह के संदेह से बचना और पुलिस की पकड़ में आने से बचना था। पुलिस कार्रवाई में सीआई गंगाराम खावा, उपनिरीक्षक चेनप्रकाश, आरक्षक नखत सिंह व बीरबल की अहम भूमिका रही.