राजस्थान में आचार संहिता लगते ही बैनर और पोस्टर को हटाने का काम शुरू

Update: 2023-10-09 13:10 GMT
राजस्थान सहित पांच प्रदेशों में आचार संहिता जैसे ही लगाई गई, वैसे तुरंत प्रभाव से सरकारी मशीनरी जैसे नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका हरकत में आ गई। सार्वजनिक स्थानों पर लगे राजनीतिक पार्टियों के प्रचार-प्रसार वाले तमाम बैनर पोस्टरों को हटाने का सिलसिला शुरू हो गया।
 आचार संहिता लगने के बाद में किसी प्रदेश या स्थान पर कोई भी राजनीतिक पार्टी या सरकार की किसी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किए जाने पर रोक लग जाती है, जिसके चलते तमाम बैनर पोस्टर चाहे सरकारी योजनाओं के ही क्यों न हों, इस दौरान इन्हें हटाना पड़ता है। यही काम तेजी से करते हुए दौसा जिले में लगे हुए किसी भी पार्टी के बैनर और पोस्ट को हटाया जा रहा है।
बता दें कि जिस समय से आचार संहिता प्रभावी होती है, उस समय देश और प्रदेश के सरकार में मौजूद प्रभावी पद कार्य विहीन हो जाते हैं। आचार संहिता लगने के बाद मंत्री या विधायक अपनी सरकारी गाड़ियों सहित तमाम सुविधाओं से वंचित कर दिए जाते हैं।
आचार संहिता का प्रभावी पालन करने के लिए जिला कलेक्टर को जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में काम करते हुए आचार संहिता की पालना करवानी होती है। उसके लिए पूरी तरह सरकारी मशीनरी अपना काम करती है, जिसके चलते किसी भी तरह का आचार संहिता का उल्लंघन न हो पाए।
बहरहाल, पूरे प्रदेश में आचार संहिता लागू हो चुकी है और दौसा सहित राजस्थान भर में तमाम पार्टियों के बैनर पोस्ट को हटाने का काम प्रभावित रूप से जारी है। राजस्थान में प्रथम चरण के चुनाव 23 नवंबर को होने हैं, अब जल्द से जल्द सभी पार्टियों के प्रत्याशियों की चयन सूची आते ही चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपना-अपना माहौल तैयार करने में लग जाएंगे।
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