राज्य सरकार ने बेरोजगारी भत्ता को लेकर लिया बड़ा फैसला, आदेश 1 जनवरी से लागू

बड़ा फैसला

Update: 2021-11-01 13:31 GMT

जयपुर। नए साल के साथ प्रदेश में बेरोजगारी भत्ते के नियम भी बदलने जा रहे हैं. अभी तक घर बैठे युवाओं को जो बेरोजगारी भत्ता मिल रहा था, सरकार अब उसको लेकर 1 जनवरी 2022 से नए नियम लागू करने जा रही है. अब बेरोजगारी भत्ता ले रहे युवाओं को सरकारी ऑफिस में रोज 4 घंटे की इंटर्नशिप करनी होगी. बिना इसके किसी को भत्ता नहीं दिया जाएगा. वहीं, जो बीच में इंटर्नशिप छोड़ता है तो सरकार उसका भत्ता बंद कर देगी और वो दोबारा भत्ते के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा.

अभी शासन द्वारा हर महीने पुरुष को 4 हजार और महिलाओं को 4500 रुपये बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है. नए नियमों के बाद अब सभी को सरकारी ऑफिस में जाकर काम करना होगा. नए नियम अनुसार, जो युवा बेरोजगारी भत्ता पा रहे हैं उनको 1 जनवरी 2022 के बाद रोज 4 घंटे सरकारी ऑफिस में बतौर इंटर्नशिप ट्रेनिंग करनी होगी. इसके लिए पहले राजस्थान स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के तहत 3 महीने की ट्रेनिंग करनी होगा. हालांकि बीटेक करे युवाओं को ट्रेनिंग से छूट रहेगी. उसके बाद एजेंसी द्वारा निर्धारित ऑफिस में जाकर 4 घंटे काम करना होगा. इस दौरान छुट्टी करने पर नौकरी की तर्ज पर भत्ते से पैसा काटा जाएगा. इंटर्नशिप के जिलास्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन होगा. जो बेरोजगारों को इंटर्नशिप के लिए विभाग और एजेंसी अलॉट करेगी. वहीं, लाभार्थी को हर महीने की 5 तारीख को एसएसओ आईडी से पोर्टल पर इंटर्नशिप का सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा. उसके बाद ही उसके अकाउंट में भत्ते का पैसा आएगा. शासन द्वारा जारी नियम अनुसार, साल में 1 अप्रैल से लेकर 30 जून तक ही रोजगार पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. जिसका सिलेक्शन जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा. अब एक साल में केवल 2 लाख बेरोजगारों को ही भत्ता मिलेगा. सामान्य वर्ग के बेरोजगारों को 30 और आरक्षित वर्ग के बेरोजगारों को 35 साल तक ही भत्ता मिल सकता है. भत्ते के लिए एक परिवार से 2 लोग ही आवेदन कर सकते हैं. नौकरी लगते ही भत्ता बंद कर दिया जाता है. भत्ते के लिए गेजुएशन होना अनिवार्य है.

शासन ने इंटर्नशिप के लिए शिक्षा, पर्यटन, पुलिस और उद्योग समेत 23 विभागों का चयन किया है. इन विभागों में इंटर्नशिप के लिए रखा जाएगा. इंटर्नशिप करने वाले युवा को टोपी, टी-शर्ट या जैकेट पहनना होगा, जिसमें योजना का नाम लिखा होगा. भाजपा ने योजना में प्रशिक्षण देने वाले फैसले का स्वागत किया. वहीं, ड्रेस देने वाले फैसले का विरोध किया है. भाजपा का कहना है कि यह बेरोजगार युवाओं का अपमान है क्योंकि समाज में उनकी पहचान खुलेगी. यह नियमों का उल्लंघन है.

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