वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार, दूसरों ने संभाली सफाई व्यवस्था
करौली। करौली टोडाभीम नगर पालिका में वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों के दोबारा हड़ताल पर जाने के बाद कस्बे में जगह-जगह कचरे के ढेर नजर आए, जिससे दुर्गंध व गंदगी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जिसके बाद नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत अन्य समुदाय के लोगों ने कस्बे की सफाई व्यवस्था की कमान संभाली और कस्बे के मुख्य चौक समेत अन्य जगहों से कचरा भरकर सफाई की.
इसके बाद कस्बे के लोगों को गंदगी और बदबू से राहत मिली। गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा निकाली गई सफाई कर्मचारियों की भर्ती में दूसरे समुदाय के लोगों को प्राथमिकता नहीं देने को लेकर वाल्मीकि समाज के लोग राज्य भर में हड़ताल पर चले गए थे, जिसके बाद सरकार से बातचीत की गई थी. मामला शांत हुआ और एक बार फिर वाल्मीकि समाज के लोग काम पर लौटे, तभी पूरे प्रदेश में सफाई का काम हो सका. इस दौरान टोडाभीम नगर पालिका में कार्यरत वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों का धरना जारी रहा और वे अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे, जिस पर उनका कहना था कि सरकार में सफाई कर्मचारी के रूप में भर्ती हुए अन्य समुदाय के लोगों द्वारा शहर में सफाई की मांग की जा रही है. जो काम नहीं होता उसे अन्य कार्यालयों में या जनप्रतिनिधियों के पास रखा जाता है। साथ ही वाल्मीकि समाज के लोगों द्वारा नरेगा कार्य में भेदभाव किये जाने का आरोप लगाया. जिस पर नगर पालिका अध्यक्ष अमृत सियाराम मीणा व नगर पालिका के कार्यपालक अधिकारी व तहसीलदार पृथ्वीराज मीणा द्वारा उनकी मांगों को स्वीकार कर वाल्मीकि समाज के लोग अपने काम पर लौट गए. जिससे कस्बे की साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त हो सकी।
इस दौरान उन्हें नगर अध्यक्ष द्वारा आश्वासन दिया गया कि जल्द ही सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत अन्य समुदाय के लोगों से भी सफाई का कार्य करवाया जाएगा, जिस पर अन्य समुदाय के लोग काम पर नहीं लौटे तो सफाई कर्मी वाल्मीकि समाज सोमवार से सफाई शुरू करेगा। फिर से हड़ताल शुरू हो गई। जिस पर पालिका अध्यक्ष सहित कार्यपालक पदाधिकारी की समझाइश पर सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत अन्य समुदाय के लोगों को काम पर लाया गया. जिसके बाद उनके द्वारा कस्बे की सफाई की गई और कस्बे में जगह-जगह बिखरे कचरे को हटाया गया।