जयपुर। हिन्दी पंचाग का सबसे पवित्र कार्तिक माह 10 अक्टूबर 2022 यानी कि आज से शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म में दान, पुण्य कर्म, शाही स्नान के साथ धार्मिक अनुष्ठान के लिए कार्तिक मास को बहुत पवित्र माना जाता है। कार्तिक माह के शुरू होते ही सारे शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है इसी के साथ ही त्योहारों की झड़ी लग जाएगी। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह महिलाओं के व्रत के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण मास माना गया है। इसमें नक्षत्र-ग्रह योग, तिथि पर्व का क्रम धन, ऐश्वर्य, उत्तम स्वास्थ्य देता है।
कार्तिक मास के पहले ही दिन रविवार को लोगों ने ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तारों की छांव में स्नान कर मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद दीपदान कर तुलसी माता के पौधे की परिक्रमा की। इस दौरान मंदिरों में भजन कीर्तन का दौर चला। कोरोनाकाल के दो साल बाद गलता तीर्थ में कार्तिक स्नान के लिए भक्तों की भीड़ नजर आई। जयपुर के आराध्य गोविन्ददेवजी मंदिर में कार्तिक स्नान करने वाली महिलाओं मंगला आरती में काफी भीड़ रही। इसके साथ ही जयपुर के अलग-अलग कई मंदिरों में भक्तिमय माहौल नजर आया। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कार्तिक मास जगत पालनहार श्रीहरि विष्णु को बेहद प्रिय है।
कार्तिक मास चातुर्मास का चौथा महीना कहलाता है, जिसमें देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीर निद्रा से जागते हैं और फिर सारे शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ तुलसी पूजन का विशेष महत्व माना गया है। कार्तिक मास में गंगा स्नान, गलता स्नान, पुष्कर स्नान करने पर विशेष फल मिलता है। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों के साथ पवित्र सरोवरों में दीपदान भी विशेष फलदायक होता है। कार्तिक मास में ही करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, आंवला नवमी सहित कई व्रत-त्योहार भी आते है।