ज्ञान का वास्तविक महत्व तभी है जब वह जीवन में प्रवेश करे: आचार्य महाश्रमण

Update: 2022-12-24 07:37 GMT
ज्ञान का वास्तविक महत्व तभी है जब वह जीवन में प्रवेश करे: आचार्य महाश्रमण
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जोधपुर न्यूज: आचार्य महाश्रमण सरदारपुरा मेघराज तातेड़ भवन से सुबह सरदारपुरा से चलकर पाल रोड स्थित अमर नगर के तेरापंथ भवन पहुंचे. जहां पालक पावड़े बिछाकर लोगों ने उनसे आशीर्वाद लिया। शुक्रवार सुबह 7.30 बजे आचार्य महाश्रमण तीन किमी पैदल चलकर तीन घंटे में धवल सेना के साथ अमर नगर पहुंचे। आचार्यश्री अमरनगर स्थित जीरावला परिवार के आवास पर आए।

आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन में ज्ञान का सर्वाधिक महत्व है तो शुद्ध आचरण का भी बहुत महत्व है। ज्ञान का वास्तविक महत्व तब है जब यह जीवन में आता है, व्यावहारिक बनता है। ज्ञान और आचरण दोनों किनारे हैं। दर्शन इन दोनों को एक साथ लाने में एक सेतु की भूमिका निभाता है। ज्ञान होने के बाद यदि दर्शन के माध्यम से ज्ञान को व्यवहार में लाया जाए तो ज्ञान सार्थक हो जाता है और मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है।

यह मान लिया जाय कि यह ज्ञान कि अहिंसा ही धर्म है, पर यदि अहिंसक आचरण न हो तो किस काम का। यदि मनुष्य का दर्शन सही है, तो ज्ञान को आसानी से अमल में लाया जा सकता है। सिद्धांत के प्रति समर्पण हो, अपने आदर्श के प्रति पूर्ण समर्पण हो तो अच्छी बात हो सकती है। कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष सरिता कांकरिया, तेरापंथ युवा परिषद अध्यक्ष महावीर चौधरी, तेरापंथी सभा के मंत्री महावीर चोपड़ा, सुरेश जीरावला और ऋषभ श्यामसुखा उपस्थित थे.

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