घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों ने बढ़ाई परेशानी खेत से लकड़ियां व कंडे लाकर खाना बनाने को मजबूर महिलाएं

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Update: 2022-12-28 13:43 GMT
जोधपुर। रसोई गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों ने जोधपुर जिले के बंबोर गांव के आसपास महिलाओं को फिर से चूल्हा फूंकने के लिए मजबूर कर दिया है। महिलाओं को स्वच्छ ईंधन और धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना बढ़ते रसोई गैस सिलेंडरों की कीमतों के आगे दम तोड़ती नजर आ रही है। सुबह से दिन भर महिलाएं लकड़ी लेने खेतों में पहुंच जाते हैं। उन्हें खेतो से लकड़ी लाने के लिए भी काफी मेहनत करनी पड़ रही है।
अनोप भाम्बु ने बताया कि अगर वे सिलेंडर खरीदने में ही पैसा खर्च कर देंगे, तो फिर घर का बजट कैसे चला सकेंगे। घरेलू सिलेंडर के दाम वर्तमान में 1040 रुपए हैं। वहीं जितना बड़ा परिवार ग्रामीण इलाकों में होता है, उसमें महीनेभर से पहले ही सिलेंडर खाली भी हो जाता है।गैस के बढ़ते दाम के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की रसोई से सिलेंडर दूर होता जा रहा है। यही वजह है कि अब गरीब तबके के लोग गोबर के कंडे और लकड़ी पर खाना पकाने को मजबूर हो रहे हैं।
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