नहीं थम रहा मौसमी बीमारियों का प्रकोप, मेडिकल वार्ड में एक बेड पर तीन मरीज
करौली। करौली बारिश के सीजन के साथ शुरू हुआ मौसमी बीमारियों का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम जन्य बीमारियों के पैर पसारने से शहर से लेकर गांवों तक घर में कोई न कोई बीमार है। चिकित्सालय में भी रोगियों की आवक का दैनिक आंकड़ा ढाई हजार को छू रहा है। वहीं क्षमता से अधिक भर्ती से ओवरलोड हुए वार्डों में एक पलंग पर तीन तो कहीं 8-10 रोगियों का उपचार किया जा रहा है। मौसम बीमारियों के दौर में सबसे ज्यादा रोगी भार मेडिकल व शिशु वार्ड में बढ़ा है। जहां पलंग क्षमता से तीन व चार गुने रोगियों की भर्ती हो रही है। गुरुवार को जिला स्तरीय चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में उपचार लेने के लिए एक पलंग पर चार-चार रोगियों को भर्ती होना पड़ा। दोपहर 5 बजे तक 26 पलंगों के वार्ड में 75 नए रोगी भर्ती हो गए। जबकि 56 रोगी पहले से भर्ती थे। ऐसे मेें ओवरलोड वार्ड में दोपहर बाद आए रोगियों को उपचार के लिए पलंग पर जगह दिलाने में परिजनों को काफी मशक्कत करनी पडी। चिकित्सकों ने बताया कि बारिश के बाद तेज धूप से उमस भरी गर्मी में बुखार, दस्त, पेट दर्द आदि के रोगी आ रहे हैं। बुखार में रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में गिरावट से रोगियों को भर्ती करना पड़ रहा है।
भीड़ भरे वार्डों में चिकित्सालय में उपलब्ध सुविधाएं बौनी पड़ रही हैं। उमस भरे माहौल के चलते रोगियों को घरों से पंखे लाने पड़ रह हैं। मेडिकल वार्ड में वार्ड के सीलिंग फैन से पर्याप्त हवा नहीं मिलने से एक रोगी को घर से पेडिस्टल पंखा लाना पड़ा। दो दिन पहले भी एक महिला के परिजन साथ में पंखा ले कर अस्पताल पहुंचे थे। जिला स्तरीय चिकित्सालय में क्षमता से अधिक रोगियों की भर्ती होने से वार्ड फुल हो गए हैं। एक पलंग पर एक दो नहीं बल्कि 4-10 रोगियों को भर्ती किया जा रहा है। 26 पलंग क्षमता के मेडिकल वार्ड में प्रति दिन 120 से 140 रोगी भर्ती हो रहे हैं। नए रोगी के वार्ड में पहुंचने पर नर्सिंगकर्मियों द्वारा भर्ती पर्चे की दवाएं देने से पहले उपचार के लिए किसी पलंग पर स्थान तलाशने को कहा जाता है। सबसे ज् यादा खराब स्थिति शिशु वार्ड की है। जहां एक पलंग पर 8-10 बच्चे भर्ती करने पड़ रहे है। शुक्रवार सुबह वार्ड में 118 रोगी भर्ती थे। आउटडोर शुरु होने पर एक घंटे में 20 नए और रोगी आ गए। 50 से अधिक की छुट्टी करने के बाद शाम को 21 पलंगों के वार्ड में 124 बच्चे भर्ती थे। मौसमी बीमारियों के चलते चिकित्सालय में रोगियों की संख्या ज्यादा है। जरुरतमंद रोगियों को भर्ती कर उपलब्ध सुविधा- संसाधनों से उपचार किया जा रहा है।