हनुमानगढ़ की घग्गर नदी पर निचले इलाकों को खाली कराया गया
घग्गर नदी में पानी की बढ़ती आवक को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर
राजस्थान। घग्गर नदी में पानी की बढ़ती आवक को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. वहीं गुरूवार को भारतीय सेना की टीम ने भी संभावित प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और जिला प्रशासन से जानकारी ली. एसडीएम हनुमानगढ़ अवि गर्ग के साथ सेना की टीम ने कई स्थानों का दौरा किया. घग्गर नदी में 30 सालों बाद पानी की भारी आवक हो रही है और पीछे हरियाणा में नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है, जिससे जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है और मेडिकल, आपदा प्रबंधन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है अगर घग्गर नदी में पानी ज्यादा आता है तो भारतीय सेना मोर्चा संभालने के लिए तैयार है. फिलहाल हनुमानगढ़ जिले में घग्गर नदी में घग्गर साइफन में 6500 और नाली बेड में 4000 क्यूसेक पानी चल रहा है. मगर जिस तरह से पीछे गुल्हा चीका में पानी की लगातार आवक बढ़ रही है.
उसको लेकर प्रशासन किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता और नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को भी सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं उपखंड अधिकारी अभी घर के अनुसार जिस तरह से घग्गर नदी में पानी के साथ अकेली आ रही है. उन्हें निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं और पूरा प्रशासन घग्गर नदी कामों का महीना कर रहा है. कहीं भी कोई बंदा कमजोर है तो उसे दुरुस्त करवाया जा रहा है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है, और उन स्थानों को चिन्हित किया गया है. जहां खतरा बाढ़ के समय में ज्यादा रहता है.
पूर्व जल संसाधन मंत्री ने किया दौरा
बाढ़ के खतरे को देखते हुए पूर्व जल संसाधन मंत्री डॉक्टर रामप्रताप ने भी घग्गर नदी का दौरा किया और उन्होंने चिंता व्यक्त की कि जिस तरह से किसानों द्वारा घग्घर बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण किया हुआ है. कहीं ना कहीं एक कारण बन सकता है. बाढ़ आने का और जिस तरह से लगातार नगर में पानी बढ़ रहा है. कहीं ना कहीं चिंता का विषय है लेकिन यहां का प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं है. इसके चलते उन्होंने कई बार जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें अवगत भी करवाया है.
1993 में आई थी बाढ़
गौरतलब है कि हनुमानगढ़ में 1993 में बाढ़ आई थी और जिस तरह से पंजाब हरियाणा में वर्तमान में बाढ़ आई हुई है. ऐसे में हनुमानगढ़ में भी बाढ़ का खतरा ज्यादा बना हुआ है. क्योंकि अगर नदी में पंजाब द्वारा पानी और छोड़ने की संभावना है. जिसके मद्देनजर यहां बाढ़ का खतरा पूरी तरह से बना हुआ है और जिस तरह से आज हुई तेज मूसलाधार बारिश ने प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है. गली सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो गई उसे देख लग रहा है कि अगर बाढ़ आ जाती है तो हनुमानगढ़ डूब जाएगा.