मुकुन्दरा टनल से वेस्ट मटेरियल का नहीं सुलझा मामला

Update: 2023-01-27 15:15 GMT

कोटा: भारतमाला प्रोजेक्ट परियोजना के पहले चरण के हिस्से के रूप में बनाए जा रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे में कोटा जिले में सड़क निर्माण का कार्य एग्रीमेंंंट के अनुसार जनवरी 2024 तक होने की संभावना है। जिले के मुकुन्दरा क्षेत्र में करीब 4 किलोमीटर टनल में हाईवे बनाया जा रहा है लेकिन फिलहाल वेस्ट मटेरियल के निस्तारण का मामला नहीं सुलझा है। मुकुन्दरा टनल में लगभग 20 प्रतिशत सड़क ही बन पाई है। ज्ञातव्य है कि कोटा जिले में होने वाले 106 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य में से 33.5 किलोमीटर के हिस्से में मुकुन्दरा टनल और चेचट तथा रामगंजमंडी के इलाकें आते है तो 72.5 किलोमीटर में दीगोद, लाडपुरा और कनवास तहसील के 47 गांव आते हैं। इनमे से 33.5 किलोमीटर हिस्से में से एक मुकुन्दरा टनल में लगभग 17 प्रतिशत सड़क ही बन पाई है तो दूसरे हिस्से में लगभग 65 प्रतिशत सड़क बन चुकी है। सड़क के निर्माण कार्य का खर्चा लगभग 30 करोड़ रूपए प्रति किलोमीटर है।

कोटा राज्य का एक मात्र वो जिला है जहां सर्वाधिक एन्ट्री व एक्जिट पॉइंट होंगे। जिले से होकर गुजरने वाली सड़क में 6 इंटरचेंज होंगे। इन छह स्थानों से हाई-वे पर प्रवेश किया जा सकेगा और निकासी भी हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत सरकार की एक दूरदर्शी परियोजना है। यह दिल्ली और मुम्बई को जोड़ेगा। आठ लेन का ये एक्सप्रेस-वे विश्व का पहला सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे है जिसे बारहलेन तक बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में दिल्ली से मुम्बई की दूरी सड़क मार्ग से करीब 1510 किलोमीटर है। एक्सप्रेस वे बनने के बाद इसकी दूरी 1350 किलोमीटर रह जाएगी।

यह रहेंगे कोटा में एन्ट्री और एक्जिट के पॉइंट

जिले में मंंडावरा, जालिमपुरा, कराड़िया, बालापुरा, गोपालपुरा तथा चेचट पर एन्ट्री/एग्जिट की सुविधा दी जाएगी।चेचट तथा रामगंज मंडी इलाके में सड़क निर्माण में अभी 8 माह का समय लगेगा तो मुकुन्दरा टनल के हिस्से की सड़क पूरा करने में 15 माह से अधिक का समय लगने की संभावना है।

ग्रीन ओवरपास की सुविधा

यह एशिया का पहला ऐसा हाईवे है जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा दी जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे पर हैलीपैड भी बनाने की योजना है। दोनो ओर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की भी योजना है। निर्माण पूरा होने पर जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तोड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जेन, इंदौर, इहमदाबाद तथा वडोदरा जैसे आर्थिक केन्द्रों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

इनका कहना है

एग्रीमेेंंट के अनुसार अगले साल जनवरी तक काम पूरा होने की संभावना है। मुकुन्दरा टनल में वेस्ट का मामला अटका हुआ है। वाइल्ड लाइफ वालों के साथ बात चल रही है।

- बूजेन्द्र सिंह मीणा, तकनीकी प्रबन्धक, राष्टÑीय राजमार्ग प्राधिकरण, कोटा

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