मुम्बई से जुड़े रेलवे ट्रेक तो बढ़े वागड़ का मान

Update: 2023-10-08 17:18 GMT
डूंगरपुर। डूंगरपुर उदयपुर अहमदाबाद आमान परिवर्तन के बाद दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर जिले के लिए लाइफ लाइन बनती जा रही रेलवे लाइन असारवा से डूंगरपुर और डूंगरपुर से असारवा से शुरू हुई डेमू ट्रेन के बाद अब शनै-शनै रेलों के फेरे बढ़ते जा रहे हैं । अब डूंगरपुर से कोटा, उदयपुर, जयपुर सहित अन्य राज्यों से भी हमारी कनेक्टिविटी बढ़ी हैं। रेलों के फेरे बढऩे से यात्री भार में भी अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही क्षेत्रवासियों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं। डूंगरपुर से महाराष्ट्र, बड़ौदा आदि की टे्रनों की मांग भी लगातार जोर पकड़ती जा रही है। राजनीतिक स्तर पर ठोस प्रयास किए जाए, तो डूंगरपुर जिले को चुनावी वर्ष में नई ट्रेनों की सौगात के साथ ही अन्य रुट भी जुड़ सकते हैं।आमान परिवर्तन का कार्य 14 जनवरी 2022 में पूरा होने के साथ ही डूंगरपुर से असारवा तक के ट्रेक तक ट्रेनों के दौडऩे का क्रम शुरू हुआ। इसके बाद उदयपुर से अहमदाबाद तक भी ट्रेन दौड़ी। अब डूंगरपुर का कनेक्शन सीधे बड़े शहरों से हो गया है। लेकिन, पौने दो वर्ष उपरांत भी डूंगरपुर मुम्बई और बड़ौदा से नहीं जुड़ पाया है। इससे डूंगरपुर सहित वागड़ और आसपास के यात्रियों को उदयपुर या अहमदाबाद जाकर नई टे्रन पकडऩी पड़ रही है। डूंगरपुर सहित आसपास के क्षेत्र से दो से ढाई लाख लोग रोजगार के ध्येय से गुजरात के अहमदाबाद और छोटे बड़े कस्बों के साथ ही महाराष्ट्र और बड़ौदा में रोजगाररत हैं। इसमें करीब एक लाख लोग महाराष्ट्र एवं आसपास के क्षेत्रों में काम करते हैं। उनका और उनके परिजनों का जाना आना लगा रहता है। ऐसे में इस क्षेत्र की मुम्बई से जुड़ाव की लम्बे समय से मांग चली आ रही है। जिला मुख्यालय सहित सागवाड़ा क्षेत्र से मुम्बई के लिए नियमित ट्रॉवेल्स चलती हैं और यह नियमित अच्छी खासी सवारियों के साथ चलती हैं। त्योहारी सीजन में यात्रियों को बस में टिकट के लिए दो-दो दिन का इंतजार भी करना पड़ता है।
Tags:    

Similar News

-->