जयपुर: राज्य सरकार के बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने और फ्री बिजली देने के फॉर्मूले पर फ्यूल सरचार्ज और अन्य उपकर भारी पड़ रहे हैं। वर्तमान बिजली बिलों में फॉर्मूले के हिसाब से मिल रही छूट कुल बिल में फ्यूल सरचार्ज और अन्य टैक्स के सामने काफी छोटी सी नजर आ रही है। इन दिनों उपभोक्ता राहत और सरचार्ज राशि के अंतर से फैल रहे भ्रम की जानकारी डिस्कॉम ऑफिसों में करने में लगे हुए हैं। बिजली ऑफिसों में पहुंच रहे लोग इसलिए हैरान हैं कि फ्यूल सरचार्ज और अन्य उपकरों के बाद बिल की राशि भारी भरकम होकर आर्थिक बोझ बढ़ा रही है। सरकार के फ्री बिजली फॉर्मूले में अधिक बिजली खर्च वाले उपभोक्ता केवल स्लैब अनुसार प्रति यूनिट पर जो छूट हासिल करते हैं, वह राशि सरचार्ज-टैक्स राशि की तुलना में करीब एक तिहाई ही बन रही है। बिजली दरें नहीं बढ़ाकर टैक्स के नाम पर वसूली के बिजली कंपनियों के रवैये पर उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत नजर नहीं आ रही।
मध्यम श्रेणी उपभोक्ता ज्यादा प्रभावित
सरचार्ज और छूट के बाद बिलों का अध्ययन करने वाले उपभोक्ताओं का तर्क है कि नियमों के मकडजाल में सिर्फ आभासी छूट नजर आ रही है। अधिकांश उपभोक्ताओं को पिछले महीनों की तुलना में बिल राशि तो ज्यादा ही चुकानी पड़ रही है। छोटे उपभोक्ताओं को 100 फ्री यूनिट का लाभ मिलेगा। इससे अधिक यूनिट पर फ्री यूनिट की जगह स्लैब अनुसार प्रति यूनिट राहत मिलती है।